Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मध्यनजर लगातार राजनीति पार्टियां 2023 में अपनी सरकार बनाने को लेकर जोरों शोरों से तैयारियों में जुटी है। इस बीच सच बेधड़क भी आपको लगातार राजस्थान की 200 विधानसभा सीट को लेकर प्रत्येक सीट के समीकरण बता रहा है। इस बीच आज हम आपको चूरू के सरदारशहर विधानसभा सीट के बारें में जानकारी देगे। यहां पर सियासी समीकरण क्या है? आइए जानते है…
कांग्रेस का गढ़ है सरदारशहर
चूरू का सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र शेखावाटी की महत्वपूर्ण सीट है। यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। जहां से वर्तमान में कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल कुमार शर्मा विधायक हैं। इस सीट पर हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की दावेदारी ने चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है। यहां से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड वरिष्ठ नेता भंवरलाल शर्मा के नाम है।
भंवरलाल शर्मा ने पहली बार 1985 में लोकदल, 1990 में जनता दल के टिकट पर जीते, 1996 के उपचुनाव में जनता दल, 1998 के चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल होकर 1998, 2003, 2013 और 2018 में जीत हासिल की। इस सीट पर कांग्रेस के चंदनमल बैद ने सबसे पहले जीत की हैट्रिक लगाई थी। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1951 में जीता, जिसके बाद वह 1967 तक यहां से विधायक रहे।
क्या कहता है जातीय समीकरण
सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। उसके बाद सबसे ज्यादा मूल ओबीसी हैं। इनमें ब्राह्मण, मुस्लिम, राजपूत, वैश्य और एसटी-एससी वोटर भी हैं। सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 69351 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख 42170 और महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख 27181 है।
उपचुनाव में आरएलपी शानदार प्रर्दशन
सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा को कुल 91357 मत, बीजेपी के अशोक पींचा को 64505 मत और तीसरे स्थान पर रहे आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड को 46753 मत मिले थे। यहां पर आरएलपी तीसरे मार्चे के रुप में उभर सामने आई है।
2023 विधानसभा चुनाव
जानकारों की माने तो 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर अनिल शर्मा को टिकट दे सकती है, जबकि बीजेपी के पास टिकट के दावेदारों की लंबी लिस्ट है। भाजपा के पूर्व विधायक अशोक पेंचा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, जबकि पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा, रतनगढ़ के पूर्व विधायक सुरेंद्र सर्राफ समेत कई अन्य भी दावेदार हैं।
आपको बता दें कि राजकुमार रिणवा को पिछले विधानसभा चुनाव में रतनगढ़ से टिकट नहीं दिया गया था, जिसके बाद पार्टी उन्हें सरदार शहर से टिकट दे रही थी, लेकिन उन्होंने टिकट लेने से इनकार कर दिया। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से लालचंद मुंड भी प्रबल दावेदार हैं, जो चुनाव को त्रिकोणीय बना सकते हैं।