रेलवे कर्मचारी का कारनामा…100 रुपए की खेलने वाली पिस्तौल से बैंक से 25 लाख लूटे, सदमे में पुलिस महकमा

सीकर। राजस्थान के सीकर में एक सप्ताह पहले 6 जुलाई को यस बैंक में करीब 25 लाख रुपए की लूट के आरोपी को पुलिस ने…

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सीकर। राजस्थान के सीकर में एक सप्ताह पहले 6 जुलाई को यस बैंक में करीब 25 लाख रुपए की लूट के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 11 लाख रुपए भी बरामद किए है। लूट की वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी सरकारी कर्मचारी है। आरोपी युवक रेलवे में टीटीई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने जो खुलासा किया, उसे सुनकर सभी हैरान रह गए। आरोपी युवक ने खिलौने के दम पर ही इतनी बड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया।

आरोपी ने लूट की वारदात से पहले उसने 100 रुपए में प्लास्टिक की पिस्तौल (खिलौना) खरीदी। उसी खिलौने की मदद से आरोपी ने बैंक लूट की वारदात को अंजाम दिया। प्लास्टिक की खिलौने वाली पिस्तौल से बैंक लूटने की वारदात सुनकर पुलिस महकमा भी हैरान रह गया है।

एसपी बोले-मेरी नौकरी में ऐसी लूट कभी नहीं देखी…

वहीं आरोपी को पकड़ने के बाद सीकर एसपी करण शर्मा ने बताया कि मैंने अपनी अभी तक की नौकरी में आज तक ऐसी कोई लूट नहीं देखी। जिसमें कोई खिलौने की बंदूक से बैंक में लूट हुई हो। सीकर एसपी करन शर्मा ने कहा कि 6 जुलाई को यस बैंक मैनेजर प्रदीप धतरवाल ने मामला दर्ज करवाया था।

बैंक मैनेजर प्रदीप धतरवाल ने शिकायत में बताया कि सुबह करीब 11:20 बजे एक नकाबपोश बदमाश पिस्टल लेकर बैंक में घुसा। उसने ब्रांच मैनेजर के बारे में पूछा। उस वक्त बैंक में केवल प्रदीप ही मौजूद थे। पहले तो बदमाश ने बैंक मैनेजर से टू व्हीलर लोन के बारे में पूछा। इसके बाद उसने प्रदीप को अपने बैग में से एक पर्ची निकाल कर दी। बदमाश ने जो पर्ची दी थी में उसमें लिखा था कि ‘ब्रांच मैनेजर साहब आप भी बाल बच्चे वाले हो और इस बैक के अंदर एक बम और गन है। सारा कैश मुझे दे दो।’ इसके बाद मैनेजर ने फोन करके अपने कैशियर को वहां बुलाया।

इसके बाद बदमाश को डर के मारे बैंक कर्मचारियों ने लॉकर में रखे करीब 24.89 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद बदमाश पैसे लेकर चला गया। जाते समय बदमाश बैंक का मेन गेट बंद कर गया। इसके बाद बैंक कर्मचारियों ने बैंक के अंदर रखी दूसरी चाबी से गेट खोला और आसपास के लोगों और पुलिस को इसकी सूचना दी।

पुलिस ने आसपास के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले…

हाईवे पर सुबह-सुबह हुई इस घटना के बाद सीकर एसपी करन शर्मा और आईजी उमेश चंद्र दत्ता मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया। पुलिस ने आरोपी की तलाश में फतेहपुर और आसपास के कई गांवों में सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक किए।

पुलिस को ऐसे मिला सुराग…

पुलिस जब सीसीटीवी खंगाले तो वहां से एक ऑल्टो गाड़ी कई बार आती-जाती हुई दिखाई दी। इसी से ही पुलिस को सुराग मिल गया कि आरोपी शायद लोकल इलाके का ही रहने वाला है। बैंक लूट करने वाले बदमाश की पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस को दादिया इलाके की ओर से वहीं गाड़ी आती दिखी। पुलिस ने तुरंत गाड़ी को रुकवाया और आरोपी मुकेश गढ़वाल (34) निवासी गढ़वालों की ढाणी यालसर को गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस ने जिस समय आरोपी को गिरफ्तार किया उस समय वह अपनी पत्नी के साथ था। आरोपी अपनी पत्नी को पीहर से वापस लेकर आ रहा था। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने ही बैंक में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी ने बैंक कर्मचारियों को डराने के लिए 100 रुपए की खिलौने की पिस्तौल अपनी पैंट में छिपाई थी।

पिछले 6 महीनों से नौकरी पर नहीं गया आरोपी…

पुलिस ने बताया कि आरोपी मुकेश रेलवे में टीटीई है। वह पिछले 6 महीने से नौकरी पर नहीं गया है। वेतन नहीं मिलने से परेशान था। आरोपी के खिलाफ सीकर के जीआरपी थाने में नवलगढ़ स्टेशन मास्टर पर जानलेवा हमला करने और जीआरपी जयपुर थाने में लैपटॉप, मोबाइल चोरी करने का मामला दर्ज है। आरोपी स्टेशन मास्टर पर हमला करने के मामले में 3 महीने की जेल भी काट चुका है।

आरोपी की किडनी और लिवर खराब…

पुलिस की पूछताछ में मुकेश ने बताया है कि उसकी दोनों किडनी और लिवर खराब है। वह आदतन शराबी है। मुकेश अपने पिता की जगह नौकरी पर लगा हुआ है। आरोपी के पिता को गठिया रोग है।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने बैंक लूटने से पहले फतेहपुर में ही यूनियन बैंक की ब्रांच में भी इसी तरह की वारदात करनी चाही। यहां भी वह अपनी कार लेकर गया। आरोपी ने इस दौरान मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था। यूनियन बैंक की ब्रांच में आरोपी ने खुद को हेड ऑफिस का कर्मचारी होना बताया। स्टाफ ने उससे आईडी कार्ड और अन्य जानकारी मांगी तो वह वहां से फरार हो गया।

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आरोपी की गिरफ्तारी में सीकर डीएसटी टीम के इंचार्ज विरेंद्र यादव, डीएसटी टीम के कॉन्स्टेबल हरीश, विजयपाल, रमेश, अशोक, सुभाष, सुरेंद्र और साइबर सेल के महेश, राकेश, अंकुश, फतेहपुर सदर थाना पुलिस के कॉन्स्टेबल संदीप कुमार की अहम भूमिका रही।

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