leader of opposition in Rajasthan : जयपुर। राजस्थान में एक तरफ मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बीजेपी में माथापच्ची का दौर जारी है। वहीं, दूसरी तरफ राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा? इसके लिए कांग्रेसी नेता मंथन में जुटे हुए है। हालांकि, यह तो साफ है कि राजस्थान में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष किसे बनाएगी। इसको लेकर अंतिम फैसला आलाकमान करेगा। लेकिन, कांग्रेस विधायक दल के नेता की रेस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कई नेताओं का नाम चर्चा में है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को विधायकों की मीटिंग हुई। जिसमें एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर उसे अधिकृत किया गया है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव रखा कि विधायक दल के नेता के मनोनयन का निर्णय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष करें। इसका अनुमोदन डोटासरा ने किया तथा विधायकों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति जताई। इस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मनोनयन का जिम्मा कांग्रेस आलाकमान को सौंपा।
क्या गहलोत होंगे नेता प्रतिपक्ष?
साल 2013 में जब राजस्थान में राजे की सरकार थी, तब कांग्रेस नेता रामेश्वर लाल डूडी नेता प्रतिपक्ष थे। लेकिन, साल 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आते ही गहलोत मुख्यमंत्री बन गए थे। हालांकि, अब कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या पूर्व सीएम गहलोत नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे या फिर राजस्थान की जगह अब खुद को राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय करेंगे। हालांकि, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
पायलट का नाम भी चर्चा में
इधर, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन का नाम नेता प्रतिपक्ष की रेस में सबसे आगे चल रहा है। लेकिन, पायलट ने कांग्रेस की हार पर गहलोत के ओएसडी की टिप्पणी पर मंथन की बात कहकर सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वो इस पद के लिए कभी भी ना नहीं कहेंगे। लेकिन, जानकारों की मानें तो पायलट को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बिठाने से फिर से प्रदेश कांग्रेस में दो दिग्गजों के बीच टकराव देखने को मिल सकती है। ऐसे में आलाकमान शायद ही पायलट के नाम पर मुहर लगाएगा।
क्या डोटासरा बनेंगे नेता प्रतिपक्ष?
अगर गहलोत और पायलट में से किसी को भी नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया तो आलाकमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा या पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के नाम पर विचार कर सकता है। क्योंकि, डोटासरा और धारीवाल एक बार फिर विधायक बनने में सफल रहे है। खास बात ये है कि डोटासरा के गहलोत और पायलट से ही अच्छे रिश्ते है। लेकिन, धारीवाल के पायलट से रिश्ते अच्छे नहीं है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा।
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