Navratan Prajapati Murtikar : जयपुर। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में धूम मची हुई है। पूरा देश राममय नजर आ रहे है और चहूं ओर रामजी को लेकर उत्साह का माहौल है। हर कोई अपने अंदाज में भगवान राम को याद कर रहा है। ऐसे में राजस्थान के मूर्तिकार कहां पीछे रहने वाले हैं। अजमेर जिले के पुष्कर के सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने 1000 टन से ज्यादा बालू रेत से सबसे बड़े राम मंदिर की सुंदर कलाकृति बनाई तो जयपुर के मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने पेंसिल की नोक पर भगवान रामजी की मूर्ति बना डाली।
नवरत्न प्रजापति ने बताया है कि पेंसिल की नोक पर बनाई गई भगवान राम की कलाकृति को बनाने में उन्हें करीब 5 दिन लगे। पैंसिल की नोक पर बनी अति सूक्ष्म श्रीराम की कलाकृति की लंबाई 1.3 सेंटीमीटर है। खास बात ये है कि एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में बाण को तराशकर भगवान राम की मूर्ति बनाई गई है। अब इस मूर्ति राम म्यूजियम में रखने के लिए राम ट्रस्ट को भेंट की जाएगी।
कौन है नवरत्न प्रजापति?
नवरत्न प्रजापति जयपुर के महेश नगर में रहते हैं। उन्होंने 2006 में मार्बल की मूर्तियां बनाना शुरू किया। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही उन्होंने इंटरनेट पर चावल के दाने पर नाम लिखने वाली कारीगरी देखी तो मिनिएचर आर्ट शुरू कर दिया। तक से अब तक वो अपनी कलाकृतियों के दम पर कमाल करते आ रहे हैं।
2006 में पहली बार किया कमाल
नवरत्न ने इससे पहले साल 2006 में सबसे छोटी लालटेन बनाई थी, इसकी ऊंचाई 2.3 सेंटीमीटर थी। यह लिम्का बुक में दर्ज की गई थी। खास बात ये है कि इस छोटी सी लालटेन में कैरोसीन की दो बूंद डालने पर ये करीब 15 सैकेंड तक जलती है। इसके बाद कई मूर्तियों की कलाकारी करके के विश्व कीर्तिमान अपने नाम कर चुके हैं।
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नवरत्न के नाम दर्ज है ये रिकॉर्ड
साल 2020 में नवरत्न ने पेंसिल की ग्रेफाइट से 101 कड़ी वाली गले की चेन बनाई थी। यह गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज की गई थी। इसके अलावा साल 2010 में चने की दाल पर बाइक बनाकर यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड और साल 2013 में पेंसिल की नोंक पर वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके है। वहीं, नवरत्न पेंसिल की नोक पर महाराणा प्रताप, भीमराव अंबेडकर, गणपति, महावीर स्वामी सहित अन्य कई कलाकृतियां बना चुके हैं।