Kanhaiya Lal Murder Case : जयपुर। राजस्थान में इसी साल के अंत में होने वाले चुनाव से पहले अब इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है कि आखिर कन्हैयालाल के हत्यारों को किसने पकड़ा? एक ओर बीजेपी कह रही है कि कन्हैयालाल के हत्यारों को एनआईए ने गिरफ्तार किया। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजस्थान पुलिस ने चार घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, रात को ही केस एनआईए ने अपने हाथ में लिया और एक साल बीत जाने के बाद भी हत्यारों को सजा नहीं मिली है।
दरअसल, उदयपुर दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दावा किया कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा और गहलोत सरकार ने कुछ नहीं किया। अमित शाह के कन्हैयालाल दर्जी हत्याकांड को लेकर दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि शाह झूठ बोल रहे है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाह के बयान पर ट्वीट कर कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, परन्तु शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है। शाह ने झूठ बोला कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा, जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज चार घंटों में राजस्थान पुलिस पकड़ लिया था। यह दुखद घटना 28 जून 2022 को हुई थी, जबकि एनआईए को इस के स की फाइल 2 जुलाई 2022 को ट्रांसफर हुई।
शाह को संभवत: जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे, जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे। यह एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने के बाद भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई? गहलोत ने ट्वीट में एनआईए को जांच सौंपने का ऑर्डर भी सार्वजनिक किया।
अमित शाह ने दिया था ये बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उदयपुर के गांधी ग्राउंड में आयोजित जनसभा को संबोधित करते कन्हैयालाल हत्याकांड और भ्रष्टाचार के मामले में गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा था। अमित शाह ने कहा था कि उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड पर भी गहलोत राजनीति कर रहे हैं। गहलोत हत्यारों को तो पकड़ना भी नहीं चाहते थे, एनआईए ने पकड़ा और गहलोत झूठ बोलते हैं कि कार्रवाई नहीं हुई। मैं डंके की चोट के साथ कहता हूं कि स्पेशल कोर्ट में सुनवाई की होती तो हत्यारे फांसी पर लटक चुके होते। यही नहीं, जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों की सुनवाई के लिए गहलोत सरकार के एडवोकेट जनरल के पास समय नहीं है।
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