कर्नाटक विधानसभा चुनाव में राजस्थान के नेताओं की भागीदारी काफी कुछ बयां कर रही है। कर्नाटक के बाद राजस्थान का नंबर चुनावों में है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस में यह रस्साकशी भी चल रही है कि दोनों पार्टियों में कौन सा नेता और कौन सी पार्टी कर्नाटक में सबसे ज्यादा दमखम दिखाएगी। क्योंकि इसे राजस्थान के चुनाव में भी आंका जाएगा। एक तरह से इन नेताओं की परीक्षा है। जिसके आधार पर राजस्थान चुनाव में इन्हें नंबर दिए जाएंगे।
कर्नाटक में आज से कांग्रेस का प्रचार करेंगे गहलोत
बीजेपी से सतीश पूनिया तो लगभग 10 दिन से कर्नाटक नहीं डटे हुए हैं। सीपी जोशी भी 4 और 5 मई को कर्नाटक जाएंगे। तो आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंच गए हैं। यहां कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार-प्रसार करेंगे। गौरतलब है कि अशोक गहलोत राजस्थान से एकमात्र नेता हैं, जो कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हुए। इस बार सचिन पायलट को स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं दी गई। जिससे सियासी हलकों में काफी सवालों के चर्चे हो गए थे। क्योंकि इससे पहले जिन-जिन राज्यों में चुनाव हुए हैं, वहां पर सचिन पायलट को प्रमुख तौर पर जरूर उतारा गया है। यहां तक कि हिमाचल प्रदेश में तो उन्हें पर्यवेक्षक बनाया गया था। जहां पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसके अलावा और भी राज्यों में बतौर स्टार प्रचारक उतारा गया है।
ये है कार्यक्रम
बहरहाल अशोक गहलोत आज शाम को 4:30 बजे बसवांगुड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोटों की अपील करेंगे। इसके बाद शाम 6:00 बजे गांधीनगर विधानसभा में रैली करेंगे। बेंगलुरु में ही वे रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद वे 2 मई को गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मंगलूरू में कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसके बाद वे कांप और मंगलूरू नॉर्थ में जनसभाएं करेंगे। रात 10:00 बजे वे वापस जयपुर आएंगे।
राजस्थान में क्या होगी भाजपा की रणनीति
अशोक गहलोत की राजनीतिक जादूगरी का प्रभाव इस कदर छाया हुआ है कि कांग्रेस आलाकमान उन पर अपना भरोसा जताकर चुनाव की जिम्मेदारी तक दे रहा। इससे गहलोत के कद का भान सिर्फ कांग्रेस के नेताओं को ही नहीं भाजपा को भी अच्छी तरह से है। इसे भांपकर ही वे राजस्थान के विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं कि आप गहलोत जैसे मजबूत चेहरे को कैसे चुनौती दी जा सकती है।
पूनिया पर भाजपा का भरोसा
बात अगर कर्नाटक की करें तो सतीश पूनिया बीते 10 दिनों से कर्नाटक में हैं। यहां वे लगातार भाजपा के समर्थन में रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं। जनसंपर्क कर रहे हैं, दुकानों, रेस्टोरेंट में जाकर खाना बना रहे हैं। यह उनके प्रचार का एक नया तरीका है। सतीश पूनिया पर बीजेपी ने कितना भरोसा जताया है, यह इसी से पता चल जाता है कि राजस्थान से एकमात्र सतीश पूनिया को ही सबसे पहले उन्होंने कर्नाटक में बिठाया। यहां तक कि जेपी नड्डा के रोड शो और उनके रैली तक की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली गई थी। अब सीपी जोशी पूनिया का साथ देने और भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने 4 और 5 मई को कर्नाटक जाएंगे।