जयपुर। गरीब महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन देने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गैस कंपनियों की मनमर्जी के चलते परवान नहीं चढ़ पा रही है। हालात ये हैं कि आवेदक महिलाओं को योजना में निशुल्क गैस कनेक्शन लेने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। आवेदन के कई दिनों तक कंपनियों से कनेक्शन रिलीज नहीं किए जा रहे हैं। फिलहाल तीनों गैस कंपनियों में से एक इंडेन की ओर से कनेक्शन रिलीज किए जा रहे हैं। बाकी कंपनियों की ओर से 10 से 15 दिन में मात्र दो-चार कनेक्शन की मंजूरी दी जा रही है। ऐसे में जहां आवेदक महिलाओं को रसोई गैस जल्दी नहीं मिलने से धुंए से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
वहीं एक ही कंपनी के गैस कनेक्शन मिलने से कंपनी का एकाधिकार हो रहा है। इसके चलते भविष्य में गैस सिलेंडरों की डिलिवरी व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। गैस कंपनियों के अधिकारी इस मामले को सरकार के स्तर का नीतिगत फैसला बताते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं गैस कंपनी की एसएलसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में कंपनियों से जानकारी लेकर ही कुछ कार्रवाई की जाएगी।
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यह आ रही हैं दिक्कत
कनेक्शन में लेटलतीफी के मामले में कई गैस कंपनियों ने बताया कि उज्ज्वला योजना के आवेदन पोर्टल पर सबमिट तो हो रहे हैं, लेकिन आगे गैस कंपनियों से आवेदनों को रिलीज करने की नियमित मंजूरी नहीं मिल पा रही है। इनमें सबसे ज्यादा बीपीसीएल और एचपी गैस के उज्ज्वला गैस कनेक्शन के आवेदन शामिल हैं। जबकि इंडेन कंपनी के आवेदन हाथोंहाथ या उसी दिन रिलीज होने की स्थिति आ जाती है।
दोबारा आवेदन नहीं होने से भी परेशानी
योजना में एक गैस कं पनी के कनेक्शन के लिए आवेदन करने के बाद आवेदक महिला को जब तक कनेक्शन देने पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता तब तक पोर्टल पर दोबारा कनेक्शन के लिए आवदेन नहीं किया जा सकता। जबकि गैस कंपनियां कनेक्शन रिलीज करने में लंबा समय लगा रही हैं। इसके चलते आवेदक महिलाएं गैस एजेंसियों के दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं गैस एजेंसियां आगे से मंजूरी नहीं मिलने का हवाला देकर आवेदक महिलाओं को लौटा रही हैं। ऐसे में महिला आवेदकों को गैस कनेक्शन कब मिलेगा, मिलेगा या नहीं मिलेगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही।
कनेक्शन देने में पिछड़ रही दो कंपनियां
मौजूदा हालात में एक इंडेन कंपनी ही उज्जवला के गैस कनेक्शन देने में आगे है। जबकि दोनों कंपनी बीपीसीएल और एचपी गैस कंपनियां इससे काफी पिछड़ रही हैं। अलग-अलग शहरों में अलग-अलग गैस कपंनियों की सर्विस अच्छी रहने से उपभोक्ताओं को गैस डिलिवरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
गैस एजेंसियों के सामने उज्जवला गैस कनेक्शन रिलीज करने में यह समस्या आ रही है कि इन कनेक्शनों की मंजूरी गैस एजेंसियों के बजाय गैस कंपनियों से मिलती है। जैसे ही मंजूरी मिलती है हम गैस कनेक्शन जारी कर देते हैं। यह समस्या कंपनी प्रबंधन को बताई जा जाएगी। दीपक सिंह गहलोत, अध्यक्ष, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन ऑफ राजस्थान
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