उदयपुर: “गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा”…पिछले साल 28 जून को इस नारे के साथ एक काला अध्याय और मनहूस दिन राजस्थान के इतिहास से जुड़ गया जिसके बारे में यहां के किसी बाशिंदे ने नहीं सोचा था. राजस्थान में झीलों की नगरी कहे जाने वाले उदयपुर में 28 जून की दोपहर किसी आम दिन की तरह ही ढल रही थी और रूक-रूक कर मानसून की आहट वाली बौछारें शहर में गिर रही थी…लेकिन दोपहर 3 बजे के करीब शहर के मालदास स्ट्रीट बाजार में हुए एक घटनाक्रम में पूरे देश को सुन्न कर दिया.
दरअसल बीजेपी नेता नुपूर शर्मा की एक पोस्ट का समर्थन करने पर मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नामक दो लोगों ने दर्जी की दुकान चलाने वाले टेलर कन्हैयालाल की बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी.
28 जून 2022 को सुन्न पड़ गया था राजस्थान
वहीं इस बर्बर और तालिबानी तरीके से की गई हत्या को मोबाइल पर रिकॉर्ड किया गया फिर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दहशत का माहौल बनाया गया. 28 की शाम होते-होते पूरे राजस्थान से लेकर देशभर में सनसनी फैल गई थी और हर किसी की नजरें उदयपुर पर थी. हालांकि घटना के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने दोनों हत्यारों को राजसमंद के भीम से पकड़ लिया.
वहीं इस वीभत्स हत्याकांड के बाद सीएम अशोक गहलोत से लेकर राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार के कई नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और गहलोत सरकार ने कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का भरोसा दिलाया. आज दिल दहला देने वाली इस घटना को एक साल पूरा हो गया है ऐसे में आइए जानते हैं कि किन हालातों में कन्हैयालाल का परिवार अब जिंदगी बसर कर रहा है और उनके जख्म अब तक कितने भर चुके हैं?
12 महीने से जिंदा बैठे हैं हत्यारे
सच बेधड़क की टीम जब कन्हैयालाल के घर पहुंची तो उनकी पत्नी जसोदा ने बताया कि वह दिन भर कन्हैयालाल की सिलाई मशीन को ताकती रहती है और कभी ज्यादा उदास होने पर उनके पति के सिले कपड़ों को निकाल कर निहारती है. वहीं अपने बच्चों को लेकर वह कहती है कि इन दोनों का उस दिन के बाद से सबकुछ बदल गया. अब मेरे बेटे रात में कभी लेट आते हैं तो मन सहम जाता है और चिंता होने लग जाती है.
कन्हैया लाल की पत्नी कहती है कि मुझे आज तक नहीं बताया गया कि क्या हुआ, कैसे हुआ, वह कहती है पिछला एक साल कैसे निकला पता ही नहीं चला और ऐसे मन से सवाल पूछते हैं कि उन्हें कब सजा मिलेगी. सुजाता ने कहा कि मेरे पति के साथ जैसा सुलूक हुआ वैसा ही उन दोनों हत्यारों के साथ किया जाना चाहिए.
वहीं नुपुर शर्मा के बयान को लेकर जसोदा ने कहा कि मैं आज भी सोचती हूं कि नुपूर शर्मा ने जो बोला उसकी सजा हमारे पूरे परिवार को मिल रही है लेकिन नुपूर शर्मा तो आज भी खुली घूम रही है.
कभी-कभी रात को खुल जाती है नींद
वहीं कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश ने बताया कि उस दिन का वो मंजर मुझे आज भी याद है और वह वीडियो जब भी मेरे सामने आता है तो मेरी रात की नींद उड़ जाती है. यश ने कहा कि मैंने पिछले 1 साल से वो वीडियो मेरी मम्मी से छुपा कर रखा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हर दिन मैंने मजबूत दिखाने की कोशिश की है और अगर रोना आता भी है तो अकेले में रोता हूं.
अभी तक नहीं हुआ अस्थियों का विसर्जन
बता दें कि कन्हैया लाल के परिवार ने 1 साल बाद भी अभी तक उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं किया है. वहीं उनकी पत्नी ने बताया कि उनका बड़ा बेटा आज भी चप्पल नहीं पहनता है और अभी तक बाल नहीं कटवाए हैं. दरअसल उनके बेटे का कहना है कि जब तक उसके पापा के हत्यारों को फांसी नहीं मिलेगी वह बाल नहीं कटवाएगा और परिवार का कहना है कि उनकी अस्थियां तभी विसर्जित करेंगे जब दोषियों को फांसी होगी.
सरकारी नौकरी मिली लेकिन न्याय नहीं!
वहीं यश आगे कहते हैं कि हमारा परिवार चाहता था कि उन लोगों को फांसी की सजा मिले लेकिन सालभर बीत गया ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि उस दौरान कई लोगों ने कहा कि यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ. वहीं सरकारी नौकरी पर उनके बेटे ने कहा कि सरकारी नौकरी से लोगों को खुशी होती होगी लेकिन हमें आज तक सुकून नहीं मिला है.