चूरू। कांग्रेस नेता और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी के नेता और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ में ट्विटर पर छिड़ गया है। चूरू में एक पुलिसकर्मी के वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने राजेंद्र राठौड़ पर तंज कसा है। तो वहीं इसके जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा से कहा कि ये नाथी थी का बड़ा नहीं है चूरू है। कार्रवाई होगी।
इस ट्विटर वॉर की शुरुआत होती है एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के वीडियो के साथ। जिसमें पुलिसकर्मी रोता हुआ नजर आ रहा है। वीडियो में वह कह रहा है कि गाड़ी रोकने पर कुछ लोगों ने मुझे धमकाया और ट्रांसफर तक कराने की धमकी, मेरा वीडियो भी बनाया। जब पुलिसकर्मी से इसका कारण पूछा जाता है तो पुलिसकर्मी कहता है कि उसे पता नहीं लेकिन ये राजनीतिक लोग हैं। मुझे कहते हैं कि ये तेरा दामाद लगता है।
जब उससे पूछा गया कि कौन लोग थे तो उसने कहा कि इनके मंत्री के ही लोग हैं। तो वीडियो में दूसरा एक आदमी बोलता है कि राजेंद्र राठौड़ के आदमी थे। पुलिसकर्मी कहता है कि मुझे कहा गया कि मंत्री जी की कोठी पर लाकर तबादला करा दूंगा। ये मंत्री जी के आदमी थे।
ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए गाड़ी हटाने को कहा, तो दे डाली तबादले की धमकी
दरअसल यह पुलिसकर्मी ट्रैफिक पुलिस का है। जिसे बीच सड़क पर ऑन ड्यूटी दबंगों ने धमकाया। जिससे वह बुरी तरह डर गया और रोने लगा। इस दौरान किसी ने उसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। बीते सोमवार चूरू में एक युवक को अपनी कार हटाने के लिए इस पुलिसकर्मी ने कहा तो उस युवक ने दबंगई दिखाते हुए पुलिसकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया। उसका वीडियो बना लिया और धमकाया। आरोपी कार चालक ने कहा कि बस वाला तेरा दामाद लगता है, युवक ने उसे मंत्री जी की कोठी पर आने और तबादला कराने की भी धमकी दी।
पुलिस वालों को डरा धमका कर चुनाव जीतोगे क्या- डोटासरा
इसी वीडियो को गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया और कहा कि राजेंद्र राठौड़ साहब, चूरू की जनता और पुलिस वालों को डरा धमका कर चुनाव जीतोगे क्या? कानून के रखवालों पर जुल्म करके क्या संदेश देना चाहते हैं। आप कर्तव्यनिष्ठ पुलिस कर्मी को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से अपनी कोठी बुलवाने के बजाय आपको चाहिए कि वह अपने उद्दंड कार्यकर्ताओं के कान पकड़कर थाने ले आओ।
ये नाथी का बाड़ा नहीं है- राठौड़
इसके जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि डोटासरा जी यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है मैं इस घटना की निंदा करता हूं। मैं खुद इस मामले की जानकारी ले रहा हूं कि पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार की घटना कब और किसने की। ये चूरू की धरती है, नाथी का बाड़ा नहीं है। पुलिसकर्मियों का सम्मान करना चूरू की परंपरा रही है।
राठौड़ और डोटासरा के इस ट्विटर वॉर में यूजर्स जमकर कमेंट कर रहे हैं। कोई राठौड़ को इसका जिम्मेदार बता रहा है तो कोई कहता है कि प्रदेश में सरकार तो कांग्रेस की है। पुलिसकर्मियों की समस्या का निदान करना भी कांग्रेस सरकार की जिम्मेदारी है। अगर कोई उनसे इस तरह की बदतमीजी कर रहा है तो कार्रवाई की भी जिम्मेदारी कांग्रेस की है।