झालावाड़। संविधान में संशोधन के लिए उदयपुर में 18 जून को जनजाति समाज हुंकार भरेगा। जनजाति सुरक्षा मंच प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य एवं जिले की सबसे बड़ी पंचायत समिति पिड़ावा मुख्यालय सुनेल प्रधान सीता कुमारी भील ने कहा कि 18 जून को उदयपुर में जनजाति समाज द्वारा हुंकार रैली निकाली जाएगी। उसमें आप सभी भाग लेकर इसे सफल बनाने में महत्वपुर्ण भागीदारी निभाए। इस हुंकार रैली में मांग की जाएगी कि संविधान के आर्टिकल 342 में इस हेतु आवश्यक संशोधन किया जाए। जो व्यक्ति जनजाति संस्कृति की मूल आस्था से हट गया है और मूल आस्था के केन्द्रों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है उसे जनजाति की सूची से हटाया ‘डी-लिस्ट’ किया जाना चाहिए।
एसटी के लिए भी लागू हो एससी के नियम
बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय पदाधिकारी व राजस्थान के प्रभारी भगवान सहाय ने कहा कि जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते प्रदत्त सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। जब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए संविधान में यह नियम लागू है तो अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में जोड़ा जाना चाहिए। धर्म बदलने वाले अपनी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल आदिवासी अपनी ही मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। इसी मांग को लेकर उदयपुर में 18 जून को जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के बैनर तले हुंकार महारैली का आह्वान किया गया है।
दक्षिणी राजस्थान में 80 प्रतिशत जनजाति
इस महारैली में पूरे राजस्थान से जनजाति समाज के लोग अपनी पारम्परिक वेशभूषा और वाद्ययंत्रों के साथ एकत्र होंगे। हुंकार महारैली को लेकर पूरे राजस्थान में तैयारियां शुरू हो गई हैं। राजस्थान का 80 प्रतिशत जनजाति समाज दक्षिणी राजस्थान में है। इस नाते उदयपुर जनजाति समाज के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र भी है। इसी कारण, हुंकार महारैली का आयोजन उदयपुर में रखा गया है। पूरे राजस्थान से जनजाति समाज के बंधु 18 जून को सुबह से पहुंचना शुरू होंगे।
जगदीश कुल्मी ने जनजाति समाज के इतिहास पर प्रकाश डाला।बैठक में 10 संगठनों के लोगों विभाग सह संगठन मंत्री गुजरात सिंह भील, जिला संरक्षक रघुवीरसिंह, प्रदीप श्रृंगी, जितेन्द्र सोनी, नटवरसिंह चोहान, सुमतिप्रकाश, रामगोपाल गोचर, बजरंगनाथ, गोविन्दसिंह झाला, तवर सिंह, अनिल जैन, मनोहर डागी, नरेंद्र शर्मा आदि संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन जिला अध्यक्ष श्रीराम भील ने किया।
( रिपोर्ट- ओमप्रकाश शर्मा)