जयपुर। मानसून की शुरुआत के साथ ही दाल में तड़का लगाना महंगा हो गया है। एक तरफ टमाटर 120 रुपए किलो पार पहुंच गया है। वहीं, जीरे की कीमत 700 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंची है। टमाटर के साथ ही हरी सब्जियों के रेट भी आसमान छूने लगे हैं। बढ़ी कीमतों से आम और सामान्य वर्ग के घरों का बजट भी गड़बड़ा गया है। माना जा रहा है कि मानसून की शुरूआत से पहले ही देशभर में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। जिसका असर ये हुआ कि अधिकतर जगह सब्जियां खराब हो गई और मंडियों में आने वाली सब्जियों की कीमत दो से तीन गुना बढ़ गई है।
बारिश के बिगड़े मिजाज के कारण टमाटर सहित कई सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में टमाटर सहित अन्य सब्जियों के भी दाम बढ़ गए है। मंडियों में आवक कम होने और डिमांड ज्यादा होने के कारण टमाटर के भाव में तेजी से इजाफा हुआ है। जनवरी महीने में 20 से 25 रुपए प्रति किलो बिकने वाला टमाटर में अब 120 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। वहीं, आलू भी 25 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। अदरक के भाव में भी तेजी से इजाफा देखने को मिला है और भाव 300 रुपए प्रति किलो पार पहुंच गया है। इसके अलावा तरोई 60 किलो बिक रही है।
जीरा भी हुआ महंगा
अरहर दाल के बाद अब उसमें टमाटर और जीरे का तड़का लगाना भी महंगा हो गया है। देश के कई शहरों में तो जीरे की कीमत 700 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंची है। थोक मंडियों में जीरे का भाव 57500 रुपए क्विंटल तक हो गया है। ऐसे में दुकानों पर तो जीरा बादाम के दाम पर मिलने लगा है। सप्ताहभर के अंदर जीरे के दाम में प्रति किलो 150-175 रुपए तक का उछाल देखने को मिला है।
सरकार शुरू करेगी ‘टमाटर ग्रैंड चैलेंज’
इधर, टमाटर की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इसके लिए टमाटर ग्रैंड चैलेंज शुरू करेगा। बता दे कि ऐसा ही प्रयोग प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए किया जा चुका है। केंद्र सरकार की मंशा है कि टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को जल्द से जल्द कम किया जाएं। इसी बीच तमिलनाडु सरकार ने फार्म फ्रेश आउटलेट्स के जरिये टमाटर 68 रुपए प्रति किलो बेचने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने कहा-जल्द कम होंगे टमाटर के दाम
केंद्र सरकार ने कहा कि जल्द ही टमाटर के दाम नीचे आ जाएंगे। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि टमाटर की कीमतों में उछाल अस्थायी और मौसमी कारण है। हर साल ऐसा होता रहता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण के लिए इसी सप्ताह से ‘टमाटर ग्रैंड चैलेंज’ शुरू करेगा। इस ग्रैंड चैलेंज के जरिये टमाटर के उत्पादन, प्रसंस्करण और भंडारण में सुधार के लिए नवोन्मेषी विचारों को आमंत्रित किया जाएगा।