Dholpur-Karauli Tiger Reserve : जयपुर। वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने मंगलवार को राजस्थान के करौली और धौलपुर जिलों में बाघ अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी के साथ धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य बाघों को समर्पित देश का 54वां अभयारण्य बन गया है।
वहीं, एनटीसीए ने कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि ‘राजस्थान ने वन्य जीव संरक्षण में लंबी छलांग लगाई। राज्य में एक और बाघ अभयारण्य की घोषणा कर खुशी हो रही है।
धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य को एनटीसीए ने अंतिम मंजूरी दे दी है। शपथ लें कि इस बहुमूल्य पारिस्थितिकी और इसके शानदार बाघों की हम रक्षा करेंगे।’ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018 में कुल 2,967 बाघ थे जो 2022 में बढ़कर 3,682 हो गए हैं। इस प्रकार बाघों की संख्या में सालाना छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कुंभलगढ़ को 4 अगस्त को मिली थी एनटीसीए की मंजूरी
कुंभलगढ़ को एनटीसीए की मंजूरी 4 अगस्त को मिल गई थी। मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसे स्वीकृति दे दी है। संबंधित केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, ‘वन्यजीव संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राजस्थान में बाघों और जैव विविधता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है। यह कदम इकोटूरिज्म के माध्यम से क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।
प्रस्तावित कुंभलगढ़ रिजर्व लगभग 2800 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा। तकनीकी समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी देने की अनुशंसा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को भूमि उपयोग के साथ-साथ कोर बफर और इको सेंसेटिव जोन के बारे में बताते हुए अपडेटेड प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
मेवाड़ के लिए ऐतिहासिक दिन
राजसमंद सांसद और एनटीसीए की सदस्य, दीया कुमारी ने कहा कि यह मेवाड़ के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव का बहुत आभार व्यक्त करती हूं। अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि कुंभलगढ़ जल्द ही टाइगर रिजर्व बन जाएगा। मेवाड़ में एक बार फिर से बाघ घूमें, यह ज्यादातर लोगों के लिए एक सपना था और अब हम इस सपने को साकार करने से बस एक कदम दर हैं।
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