प्रदेश में अब नहीं होगा गैंगस्टरों का खौफ! इस सिंघम IPS को मिली एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की कमान

भाजपा की नयी सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स गठन करने की घोषणा की थी। अब प्रदेश में गठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की जिम्मेदारी ADG क्राइम दिनेश एम एन को दी गई है।

Rajasthan Police 2023 12 17T082152.977 | Sach Bedhadak

IPS Dinesh MN Command the Anti-Gangster Task Force: प्रदेश में पिछले कुछ समय से बढ़ती हुए गैंगवार को रोकने के लिए भाजपा ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स गठन करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के इस आदेश के बाद अब पुलिस मुख्यालय जयपुर से DGP उमेश मिश्रा ने आदेश जारी किए है। इस आदेश में प्रदेश में गठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की जिम्मेदारी ADG क्राइम दिनेश एम एन को दी गई है। यह टास्क फोर्स संगठित अपराधों को रोकने के लिए काम करेगी। कौन है इस टास्क फोर्स की कमान संभालने वाले राजस्थान के सिंघम अधिकारी दिनेश एम एन, आइए जानते है…

गोगामेड़ी हत्या में रहा अहम रोल

हाल ही में बात करें तो 5 दिसंबर को श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद इस हत्या में शामिल और इस हत्याकांड के बाद प्रदेश में बनी स्थिति को नियंत्रित करने में आईपीएस दिनेश एम एन का हाथ था। बता दे कि इस घटना से पहले एम एन छूट्टी पर थे लेकिन स्थिति को देखते हुए उन्हें छूट्टी से वापस बुलाया गया था।

सात साल जेल में रहे दिनेश MN

आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन की 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में दिनेश एमएन को 7 साल जेल में बिताने पड़े थे। उन्हें गुजरात की साबरमती जेल में बंद कर दिया गया था, लेकिन मामले में बरी होने के बाद उन्हें फिर से भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने का मौका दिया गया।

किया था गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का खात्मा

दिनेश एमएन को दोबारा सेवा में शामिल हुए लगभग 4 साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने राजस्थान पुलिस की दो बड़ी एजेंसियों एसओजी और एसीबी में काम करते हुए कई बड़े खुलासे किए हैं। दिनेश एमएन ने ही राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का सफाया किया था। अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह कहे जाने वाले आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर दिनेश एमएन ने किया था।

हनी ट्रैप मामले का किया था खुलासा उजागर

दिनेश ने एसओजी में काम करते हुए हनी ट्रैप जैसे मामलों का भी खुलासा किया था। दिनेश ने राजस्थान के बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को हनीट्रैप में फंसाकर करोड़ों रुपये वसूलने वाले कई पुलिसकर्मियों और वकीलों समेत कई लड़कियों को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही राज्य में ब्लैकमेलिंग कांड के मामले काफी हद तक कम हुए हैं।