चुनाव में दो मर्तबा हार चुके 30 दिग्गजों की टिकटों पर लटकी तलवार

राजस्थान में पिछले 30 साल से सरकार बदलने के रिवाज पर ब्रेक लगाने के लिए कांग्रेस इस बार पूरे दमखम से जुटी है।

congress | Sach Bedhadak

(दिनेश डांगी): जयपुर। राजस्थान में पिछले 30 साल से सरकार बदलने के रिवाज पर ब्रेक लगाने के लिए कांग्रेस इस बार पूरे दमखम से जुटी है। इसके लिए मजबूत उम्मीदवार के लिए जहां सर्वे का काम जारी है, वहीं चुनाव जीतने के लिए कई नए एक्सपेरिमेंट्स का भी खाका बन रहा है। पिछली बार कांग्रेस का लगातार दो बार हारने वाले को टिकट नहीं देने का फाॅर्मूला सटीक काम कर गया। इस बार भी यह फाॅर्मूला जारी रह सकता है। ऐसे में कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों सहित करीब 30 दिग्गजों के टिकटों पर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस अभी से जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशियों की खोज में जुट गई है। खुद सीएम गहलोत और प्रदेश प्रभारी रंधावा ने भी विधायकों के साथ रायशुमारी में इस रणनीति की तरफ इशारा कर दिया था। हालांकि, पार्टी इस रणनीति पर बहुत सोच समझ कर काम कर रही है, क्योंकि दिग्गजों के टिकट काटने से चुनाव में बगावत का खतरा भी बढ़ता है। 

कई दिग्गजों के नाम सूची में कांग्रेस सूत्रों की मानें तो टिकट कटने वाले नामों में कई दिग्गजों के नाम भी शुमार है। हालांकि इस बार अंतिम समय में दूसरा मजबूत उम्मीदवार नहीं मिलने और सर्वे में अगर किसी की रिपोर्ट अच्छी आती है तो टिकट दिया जा सकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछली बार जिनकी टिकट काटी गई वो निर्दलीय मैदान में कू द गए और सहानुभूति के कार्ड पर जीत भी गए, जैसे संयम लोढा़, खंडेला और आलोक बेनीवाल। वहीं, पार्टी का साफ कहना है कि जो सर्वे में मजबूत होगा, वही टिकट का हकदार होगा। आखिर में ऐसे मामलों में में दो बार हारने वाले फाॅर्मूले में ढिलाई दी जा सकती है।

Rajasthan Assembly Election 2023 : इन नेताओं पर गिर सकती है गाज

मालवीय नगर से अर्चना शर्मा, लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल, श्रीडूंगरगढ़ से मंगलाराम गोदारा, पुष्कर से नसीम अख्तर, जैतारण से दिलीप चौधरी, मनोहर थाना से कै लाश मीणा, डग से मदनलाल वर्मा, चूरू से मंडेलिया परिवार, सलूंबर से रघुवीर मीणा, गोगुंदा से मांगीलाल गरासिया, रानीवाड़ा से रतन देवासी, चौमूं से भगवान सहाय सैनी, कुं भलगढ़ से गणेश परमार, शाहपुरा (भीलवाड़ा) से महावीर मोची, आहोर से सवाराम पटेल, उदयपुर ग्रामीण से विवेक कटारा परिवार, घाटोल से नानालाल निनामा, मकराना से जाकिर हुसैन गेसावत, गढ़ी से कांता भील, नागौर और खींवसर से हरेंद्र मिर्धा, सागवाड़ा से सुरेन्द्र बामणिया, मावली से पुष्कर डांगी, संगरिया से शबनम गोदारा, लाडपुरा से नईमुद्दीन गुड्डू, पीलीबंगा से विनोद गोठवाल, विद्याधर नगर से विक्रम सिंह शेखावत, तिजारा से दुर्रु मियां, बड़ी सादड़ी से प्रकाश चौधरी और चित्तौड़गढ़ से सुरेंद्र जाड़ावत। 

रिश्तेदारों को उतारने की तैयारी

दो बार से ज्यादा बार चुनाव हारने वाले नेताओं को इस रणनीति की खबर है। इसलिए कई प्रत्याशियों ने अपने रिश्तेदारों को चुनावी प्रत्याशी के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया है। इन नेताओ का मानना है कि यदि किसी कारण से उन्हें टिकट नहीं मिलता तो वे अपने किसी रिश्तेदार का नाम आगे कर देंगे।

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