जयपुर। वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी आज से शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए काम पर लौटेंगे। सरकार के साथ शुक्रवार को इनकी मांगों पर सहमति बन गई, जिसके बाद इन्होने हड़ताल खत्म की है। इधर, हड़ताल करने वाले सफाईकर्मियों के वेतन में हड़ताल के दौरान की कटौती नहीं की जाएगी। इधर चार दिन की हड़ताल के दौरान बिगड़ी प्रदेश की सफाई व्यवस्था सुधरेगी और लोगों को हो रही परेशानी से निजात मिलेगी। गौरतलब है कि सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद राजधानी में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए थे, जिससे आमजन को दुर्गंध और मच्छर पनपने जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा था।
दूसरी तरफ शुक्रवार को सफाईकर्मियों ने राजधानी में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। रैली निकालने के बाद सभी कर्मचारी नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर पहुंचे, जहां जनसभा हुई। इस सभा में सभी ने नई विज्ञप्ति जारी होने तक काम नहीं करने का संकल्प लिया। वहीं, कर्मचारियों से आह्वान किया कि प्राइवेट सेक्टर में जो भी समाज के लोग सफाई से जुड़े काम कर रहे हैं, उनसे भी काम बंद करने का आह्वान किया।
पहली भर्ती, जिसमें 50% से अधिक आरक्षण एक समाज को
प्रदेश की सफाईकर्मियों की यह पहली भर्ती होगी जिसमें 66 प्रतिशत आरक्षण एक ही समाज को दिया जा रहा है। दूसरी तरफ पिछले दिनों देवस्थान विभाग की ओर से निकाली गई पुजारी सेवागीर भर्ती में 67 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, जहां सामान्य आरक्षण पद्धति से भर्ती प्रकिर्या की गई थी।
गौरतलब है कि वाल्मीकि समाज की हड़ताल के बाद सरकार ने सफाईकर्मियों की भर्ती में समाज को 66 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। इसके बाद वाल्मीकि समाज ने धरना समाप्त किया है। सरकार की ओर से यह फै सला शुक्रवार शाम को आया। इधर, समाज के पदाधिकारियों का कहना था कि सफाई वाल्मीकि समाज के अलावा दूसरे समाज के लोग नहीं करते है, इसलिए भर्ती में उन्हें ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी।
6 हजार कर्मचारी थे हड़ताल पर
शहर की सफाई व्यवस्था में करीब दस हजार सफाईकर्मी काम कर रहे हैं, जिनमें करीब 6 हजार से अधिक वाल्मीकि समाज के हैं। इनकी तरफ से हड़ताल की घोषणा के बाद ही शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी। दुकानों के बाहर से सुबह कचरे का कलेक्शन किया जाता था, वहां कचरे के ढेर दिनों दिन बढ़ते गए। आलम यह रहा कि गुलाबी नगरी की सड़कों पर गंदगी के ढेर नजर आने लगे और कचरे के ढेर से बदबू आना शुरू हो गई थी। समाज की तरफ से की गई चार दिन की हड़ताल में आमजन को काफी परेशानी हुई।
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