Rajasthan CM: राजस्थान सहित तीन राज्यों में इस बार बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। लेकिन, तीनों ही राज्यों में सीएम फेस को लेकर अभी भी दाव फंसा हुआ है। खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 6 दिन बाद भी बीजेपी तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं कर पाई है। लेकिन, अब तीनों राज्यों में पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पर सस्पेंस खत्म होगा।
बीजेपी ने आज राजस्थान सहित तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जो आज शाम तक संबंधित राज्यों में पहुंच जाएंगे। राजस्थान के लिए भाजपा ने राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे को पर्यवेक्षक बनाया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण और आशा लखेड़ को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा रहा है। वहीं, छत्तीसगढ़ में अर्जुन मुंडा और सर्वानंद सोनोवाल को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा जा रहा है।
सीएम चेहरे पर जल्द तस्वीर होगी साफ
ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान सहित तीनों राज्यों अब जल्द ही सीएम के चेहरे पर तस्वीर हो जाएगी। 9 और 10 दिसंबर तक तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक होगी और फिर तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, अंदरखाने चर्चा है कि जैसे बीजेपी ने अन्य प्रदेशों में सीएम के चेहरे को लेकर चौंकाया है। वैसा ही चौंकाने वाला चिरपरिचित अंदाज तीनों राज्यों में देखने को मिल सकता है। फिलहाल, तस्वीर साफ नहीं है।
राजस्थान में ये चेहरे सीएम की रेस में
शाही घराने से नाता रखने वाली वसुंधरा राजे को तीसरी बार कुर्सी पर नहीं बिठाया गया तो राजस्थान में बीजेपी के कई बड़े चेहरे सीएम की रेस में बने हुए है। जिनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सांसद व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ, विद्याधर विधायक दीया कुमारी का नाम शामिल है। बता दें कि राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस के खाते में 69 सीटे ही आई है। साल 2018 की बात करें तो बीजेपी को 73 सीट और कांग्रेस 99 सीटें मिली थी।
एमपी में शिवराज नहीं तो सीएम कौन?
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को सीएम नहीं बनाया गया तो बीजेपी नए चेहरों पर दांव लगा सकती है। शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, मालवा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, सीधी से विधायक चुनी गई रीति पाठक और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सीएम की रेस में बने हुए है।
बता दें कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 163 सीटें जीतकर राज्य में सत्ता बरकरार रखी है। जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गई। हालांकि, साल 2018 में कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीट मिली थी।
छत्तीसगढ़ ये सीएम की रेस में ये चेहरे
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को सीएम बनने का मौका नहीं मिला तो केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित चार दिग्गज नेताओं में से किसी एक पर दांव लगाया जा सकता है। अभी रमन सिंह के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद अरुण साव और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी सीएम की रेस में है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 54 सीटों पर भागवा लहराया है। वहीं, कांग्रेस महज 35 सीटों पर सिमट गई। जबकि साल 2018 में कांग्रेस 68 सीटों पर जीती थी और बीजेपी 15 सीटों पर ही सिमट गई थी।
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