Munesh Gurjar : जयपुर। निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अब स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) ने मुनेश गुर्जर को नोटिस भेजा है। नोटिस में मुनेश को अपना स्पष्टीकरण गहलोत सरकार को भेजने के तीन दिन का समय दिया गया है।
डीएलबी ने नोटिस में कहा है कि निर्धारित समय अवधि में मुनेश गुर्जर ने जवाब पेश नहीं किया तो उनके खिलाफ मामले में न्यायिक जांच शुरू कर दी जाएगी। हैरिटेज निगम में अतिरिक्त आयुक्त रहे राजेंद्र वर्मा मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राजेंद्र वर्मा को बंधक बनाने का आरोप निकला सही
दरअसल, एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र कुमार वर्मा ने जून महीने में मुनेश गुर्जर और उनके पति सहित 13 पार्षदों के खिलाफ माणक चौक थाने में मामला दर्ज कराया था। वर्मा ने मुनेश गुर्जर पर बंधक बनाने, अपशब्द कहने और धमकाने के आरोप लगाया था। उस मामले में अब आरोपों की पुष्टि हो गई है।
डीएलबी ने 3 दिन में मांगा जवाब
मामले में स्वायत्त शासन विभाग के सचिव एवं निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने मुनेश गुर्जर को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा रिश्वत प्रकरण मामले में भी मुनेश गुर्जर की संदिग्धता की पुष्टि हो गई है। ऐसे में अब मुनेश गुर्जर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है।
रिश्वत मामले में महापौर पद से हटाया
बता दें कि मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तार होने के बाद मुनेश गुर्जर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए और उनके पद पर रहते जांच प्रभावित होने के मद्देनजर डीएलबी ने 5 अगस्त को देर रात उनको महापौर पद से निलंबित कर दिया था। पद से निलंबन के बाद सरकार को दूसरा कार्यवाहक महापौर की नियुक्ति करनी थी।
अटकी है कार्यवाहक महापौर की नियुक्ति
डीएलबी के अधिकारियों के मुताबि कार्यवाहक महापौर के पद के लिए पार्षदों व स्थानीय विधायकों की रायशुमारी होगी। महापौर के लिए किसी एक नाम पर सहमति के बाद स्वायत्त शासन मंत्री को सूचित करेंगे। तब स्वायत्त शासन मंत्री की ओर से डीएलबी को कार्यवाहक मेयर की नियुक्ति के संबंध में निर्देश दिया जाएगा, लेकिन कई दिनों में विधायकों में ही एकराय नहीं होने से ये मामला अटका हुआ है।
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