अजमेर। दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने वाली निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल (ASP Divya Mittal) को सोमवार को एनडीपीएस केसेज के विशिष्ट न्यायालय ने राहत प्रदान की है। न्यायालय ने एसओजी की गलती मानते हुए दिव्या मित्तल की जमानत को मंजूर किया है। मंगलवार को मित्तल जेल से रिहा हो सकेंगी। दिव्या मित्तल के एडवोकेट भगवान सिंह चौहान ने कहा कि मित्तल की जमानत पर उनकी ओर से दी गई दलीलों से विशिष्ट न्यायाधीश कौशल सिंह सहमत हुए।
उन्होंने एसओजी की ओर से पूर्व में सरकार से अनुमति नहीं लेने और मामले में लिखित परिवाद भी नहीं होने की गलती मानते हुए नाराजगी जताई साथ ही जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। एडवोकेट चौहान ने बताया कि 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और एक लाख के मुचलके पर यह जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने इसमें एक स्थानीय व्यक्ति और एक परिवार के सदस्य की जमानत की शर्त भी रखी है। चौहान ने कहा कि आज न्यायालय का समय पूरा होने से मित्तल को कल जेल से रिहा हो सकेंगी।
यह था मामला…
साल 2021 में रामगंज और अलवर गेट थाने में दर्ज नशीली दवाओं के मामले की जांच के दौरान निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने जांच अधिकारी रहते आरोपी सुनील नंदवानी को रामगंज थाने के मुकदमा नंबर 195 में गिरफ्तार कर रिमांड लिया और बाद में जेल भेज दिया, लेकिन एडीजी के आदेश के बाद भी दो अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं किया। इसके तहत दिव्या मित्तल के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 (3) व आईपीसी की धारा 217 व 221 के तहत गिरफ्तार किया गया था और न्यायालय ने बाद में जेल भेज दिया था।
गौरतलब है कि निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के खिलाफ दवा कंपनी के मालिक ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने की रिपोर्ट दी थी। एसीबी ने ट्रैप की योजना भी बनाई थी, लेकिन मित्तल को भनक लगने से कार्रवाई सफल नहीं हो पाई। बाद में कोर्ट से वारंट लेकर दिव्या मित्तल की सम्पत्तियों को खंगाला गया। साथ ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। चार्चशीट पेश होने के बाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। जैसे ही दिव्या मित्तल जेल से निकली तो उसे एसओजी की टीम ने दबोच लिया। दो करोड़ रुपये की रिश्वत राशि मांगने के मामले में मित्तल का दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित अब तक फरार है। एसीबी उसकी तलाश में जुटी हुई है।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)