जयपुर। राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे दीपक मीणा के रेप केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2021 में 15 साल की नाबालिग लड़की से गैंगरेप के मामले में विधायक के बेटे दीपक मीना और दो अन्य आरोपियों को जमानत रद्द कर दी है। अदालत ने रेप केस के विधायक के बेटे दीपक मीणा को दो हफ्तों के भीतर सरेंडर कर देने के आदेश दिए हैं।
विधायक पुत्र को दो हफ्तों का दिया समय…
कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई थी कि आरोपी दीपक विधायक जौहरी लाल के बेटे हैं, लिहाजा वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए जमानत याचिका को रद्द कर दिया। इसी के साथ ही विधायक पुत्र को सरेंडर के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया है।
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने इस संबंध में आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश में जारी करने के दौरान शिकायत दर्ज करने में देरी पर भी नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी ने कार्यवाही को प्रभावित करने की कोशिश की थी। उल्लेखनीय है कि इस साल मई में, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पीड़िता के चाचा की ओर से दायर अपील पर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा था।
जानिए क्या है मामला…
गौरतलब है कि दौसा जिले के मंडावर थाना क्षेत्र में एक 15 साल लड़की के साथ 3 लोगों की ओर से कथित तौर पर गैंगरेप का मामला सामने आया था। इस संबंध में मार्च 2022 में एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी, जिसमें सामूहिक बलात्कार, अपराध का वीडियो वायरल करने की धमकी और जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था। इस केस में विधायक पुत्र दीपक को जनवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने मुकदमा पूरा होने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते आरोपी को जमानत दे दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।