Water Train : जयपुर। बहुमंजिला इमारतों को जल कनेक्शन देने की नीति बनने से प्रदेश की 25 लाख की आबादी को फायदा मिलेगा। इस नीति से बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले करीब 5 लाख परिवारों को लाभ होगा। सबसे ज्यादा लाभ जयपुर शहर की उस आबादी को होगा, जहां बहुमंजिला इमारतों में रहने वाली 10 लाख की आबादी को लाभ मिल पाएगा। यह जानकारी गुरुवार जयपुर स्थित सरकारी आवास से जलदाय मंत्री महेश जोशी ने दी। इस दौरान मंत्री जोशी के साथ एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल, स्टेक हॉल्डर्स सहित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियर्स व अधिकारी मौजूद रहे।
जलदाय मंत्री जोशी ने कहा कि पॉलिसी आने से पहले भी सब पानी पी रहे थे, लकिे न हर चीज के लिए नियम जरूरी होते है। नियम बनने से अब विभाग को रेवेन्यू मिलेगा और चोरी के कनेक्शन पर रोक लगेगी। सभी नगरीय क्षेत्र में एक समान नियम लागू होंगे। पहले हाईराइज बिल्डिंग के लिए अलग-अलग नियम थे। जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला भवनों को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की योजनाओं से पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए घोषणा की थी। नीति को केबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है।
कनेक्शन के शुल्क की दरें तय
प्राधिकारी के अनुमोदित आवासीय बहुमंजिला भवन के कु ल कारपेट एरिया पर 25 रुपए प्रति वर्ग फीट, कॉमर्शियल बहुमंजिला भवन के कु ल कारपेट एरिया पर 42 और मिश्रित आवासीय-कॉमर्शियल भवन पर 25 और वाणिज्यिक क्षेत्र के कु ल कारपेट एरिया पर 42 रुपए प्रति वर्ग फीट देना होगा। पेयजल कनेक्शन के लिए एकमुश्त शुल्क की न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि आरडब्ल्यूए, विकासकर्ता की ओर से कनेक्शन जारी करते समय जमा करवाई जाएगी। बाकी राशि बिल के साथ 60 समान किश्तों में 9 प्रतिशत प्रति वर्ष साधारण ब्याज के साथ देनी होगी। वहीं, एकसाथ पूरी राशि जमा करवाने पर 5 प्रतिशत की छू ट मिलेगी।
15 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन आएंगे दायरे में
बहुमंजिला भवन की श्रेणी में ऐसे भवन आएंगे, जिनकी ऊंचाई भवन के कुर्सी स्तर से भू-तल स्टिल्ट या पोडियम पर होने की स्थिति में स्टिल्ट फ्लोर की छत पोडियम स्तर से 15 मीटर से अधिक हो। बहुमंजिला भवनों में घरेलू पेयजल मांग की गणना 1500 वर्ग फीट कारपेट एरिया तक के फ्लैट में 5 व्यक्ति प्रति फ्लैट और 1500 वर्ग फीट से अधिक कारपेट एरिया के फ्लैट में 7 व्यक्ति प्रति फ्लैट के अनुसार की जाएगी।
कनेक्शन देने को लेकर वरीयता तय
कनेक्शन देने को लेकर विभाग ने वरीयता तय की है। इसके अनुसार आवासीय बहुमंजिला भवनों को पहली, वाणिज्यिक को दूसरी और संस्थानिक औद्योगिक को तीसरी वरीयता पर रखा गया है। जलदाय विभाग के इन कनेक्शन के जल का उपयोग केवल घरेलू पेयजल आवश्यकताओं के लिए ही किया जा सके गा।
गर्मियों में पेयजल आपूर्ति का प्लान तैयार
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि गत साल पानी की ट्रेन मंगवाई गई थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। गर्मियों को लेकर प्लान तैयार कर लिया है। सभी जिलों को 50-50 लाख रुपए दिए हैं। नई जल नीति जारी होने पर क्रेडाई राजस्थान के प्रेसीडेंट धीरेन्द्र मदान, टोडार के अध्यक्ष अनिल गुप्ता और राजस्थान हाउसिंग डवलपर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र प्रताप ने सीएम गहलोत व मंत्री जोशी का उनकी 15 से 20 साल पुरानी मांग पूरी होने पर आभार जताया है।