Ambulance Employees Strike : जयपुर। प्रदेशभर के एंबुलेंस कर्मचारी तीन दिन से हड़ताल पर बैठे हुए है। जिसके चलते राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवा पूरी तरह ठप है। एसएमएस हॉस्पिटल के बाहर सोमवार को भी एंबुलेंस खड़ी हुई है और एंबुलेंसकर्मी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे है। 108 और 104 एंबुलेंस कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें ठेका प्रणाली से मुक्त कर संविदा पर लगाया जाएं। इधर, सरकार की तरफ से एनएचएम की एडिशनल डायरेक्टर ने सोमवार सुबह प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। लेकिन, वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनकारियों का डेलीगेशन वापस लौट आया। अब शाम 4 बजे दूसरे दौर की वार्ता शुरू होगी।
राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवा तीन दिन से ठप है। जिसका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। सोमवार को भी एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल सेंटर में मदद के लिए सैकड़ों फोन कॉल्स आए, मगर लोकेशन पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में मरीज ऑटो, ई-रिक्शा या दूसरे वाहनों से हॉस्पिटल इलाज के लिए पहुंच रहे है। लोगों का कहना है कि सरकार और कर्मचारियों के बीच की लड़ाई में आमजन परेशान हो रहा है।
पहले दौर की वार्ता हुई विफल
हड़ताल सोमवार को भी जारी रहने पर गहलोत सरकार की तरफ से एनएचएम की एडिशनल डायरेक्टर ने प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। आज सुबह स्वास्थ्य भवन में आंदोलनकारियों का डेलीगेशन के साथ मीटिंग हुई। लेकिन, वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनकारी वापस लौट गए। ऐसे में अब शाम 4 बजे दूसरे दौर की वार्ता शुरू होगी। माना जा रहा है सरकार जल्द ही एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल खत्म करवाना चाहेगी, ताकी मरीजों को तकलीफ ना हो।
इन मांगों को लेकर हड़ताल पर एंबुलेंसकर्मी
एंबुलेंस कर्मचारी पिछले कुछ सालों से ठेका प्रथा खत्म करने,एंबुलेसकर्मियों संविदाकर्मी कमेटी में शामिल करने और वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे है। लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिसके चलते राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में एंबुलेंस कर्मियों ने शुक्रवार रात 12 बजे से 108 और जननी एक्सप्रेस 104 की सेवाओं को बंद कर दिया था। पिछले तीन दिन से एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी तब तक ये चक्का जाम लगातार जारी रहेगा।
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