सिरोही। राजस्थान के सिरोही मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज से संबंद्व चिकित्सालय में सोमवार 27 फरवरी की देर रात को वार्ड के अंदर से कुत्तों द्वारा एक माह के बच्चे को उठा ले जाकर नोचकर मार डालने की घटना में प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी एवं मुख्यमंत्री सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने परिजनों से अस्पताल जाकर मुलाकात की। साथ ही दर्दनाक घटना पर दुःख जताते हुए मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत हुए 10 लाख रुपये का चैक प्रदान किया।
भाजपा नेताओं ने की मुआवजा बढ़ाने की मांग…
प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी जैसे ही अस्पताल परिसर में पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे। वहां मौजूद भाजपा नेताओं ने उन्हें रोककर पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि 10 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की मांग की। दरअसल, पिछले दिनों जालोर के सुराणा में टीचर के थप्पड़ से छात्र की मौत पर कुल 40 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की अनुशंसा की थी। उसी तर्ज पर सिरोही की घटना में न्यायोचित आर्थिक सहायता प्रदान करने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
विधायक लोढ़ा ने भाजपा नेताओं से किया सवाल
भाजपा नेताओं द्वारा मुआवजा बढ़ाने की मांग पर स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना की तकलीफ को महसूस किया। उन्होंने कहा, किसी बच्चे को खोना परिवार के लिए क्या होता है। हम वो बच्चा वापिस नहीं लौटा सकते है, लेकिन पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई है। भाजपा के नेता रोजाना यहां आकर सूखी सहानुभूति व्यक्त कर रहे है। उनको बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री राहत कोष से वो कितना पैसा पीड़ित परिवार के लिए लेकर आ रहे है।
यह था पूरा मामला…
बता दें कि 27 फरवरी को सिरोही जिला अस्पताल में दोपहर को पाली जिले के निवासी महेंद्र कुमार पुत्र टीमाराम मीणा जिसको सिलीकोसिस बीमारी के चलते टीबी एवं चेस्ट वार्ड में भर्ती किया गया। महेंद्र के साथ उसकी पत्नी रेखा देवी और तीन बच्चे परी (7) , वीरेंद्र (6) और 1 माह का नवजात बच्चा भी था। दिनभर की थकान के बाद सोमवार रात को रेखा देवी अपने तीनों बच्चो के साथ अपने बीमार पति के बेड के पास जमीन पर सो रही थी।
इसी बीच रात करीब 1 बजे आवारा कुत्ते अस्पताल के वार्ड में घुस गए। इसके बाद कुत्ते रेखा देवी के पास सो रहे 1 माह के बच्चे को उठाकर ले गए और उसे नोच नोच कर मार डाला। जैसे ही मां को अपना बच्चा पास में नहीं होने का अहसास हुआ तो वह उसे ढूंढने लगी। इसी बीच रेखा देवी वार्ड के बाहर अस्पताल परिसर में पहुंची। वहां देखा तो कुत्तों का झुंड उसके बच्चे को नोच नोच कर खा रहे थे। रेखा देवी के चिल्लाने के बाद अन्य लोग मौके पर पहुंचे और कुत्तों को वहां से भगाया।
घटना के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने मृत बच्चे के शव को मोर्चरी में रखवाया। इसके बाद परिजनों के बिना ही मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं पीड़ित पिता ने मामले को लेकर कहा कि अस्पताल प्रशासन ने बिना पूछे उसके बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही मेरी पत्नी रेखा के कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया।