कोटा: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती दिखाई दे रही है जहां शुक्रवार को कांग्रेस नेता और कोटा के सांगोद से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने प्रदेश वाइल्ड लाइफ बोर्ड सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है. विधायक ने अपना इस्तीफा सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भेजा है. विधायक ने पद छोड़ने के पीछे अंता क्षेत्र में गोंडावण प्रजनन केंद्र की अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि भरत सिंह वन्य जीव संरक्षण को लेकर लंबे समय से काम करते रहे हैं.
वहीं इस्तीफा देते हुए विधायक ने सीधा सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के वाइल्ड लाइफ बोर्ड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है और मुख्यमंत्री होने के नाते वाइल्ड लाइफ के संरक्षण में आपकी रूचि नहीं दिखाई देती है.
भरत सिंह ने सीएम को भेजे गए पत्र में लिखा है कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठकें भी प्रदेश में समय पर नहीं होती है और आपने सीएम रहते हुए कभी भी घोषित मुकंदरा टाइगर रिजर्व पार्क का अवलोकन नहीं किया है.
गोंडावन संरक्षण पर नहीं दिया गया ध्यान
वहीं सिंह ने इस्तीफे में लिखा है कि 2018-19 की बजट घोषणा अनुसार अन्ता में गोंडावन प्रजनन केन्द्र का विकास होना था लेकिन अंता के विधायक एवं प्रदेश के भ्रष्ट मंत्री को आपने संरक्षण प्रदान कर गोंडावन के संरक्षण काम को अंगूठा दिखाकर अपने पहले बजट घोषणा में राज्य पक्षी गोंडावन की हवा निकाल दी है.
CMO से हो रहे अधिकारियों के तबादले
वहीं सिंह ने अपने इस्तीफे में कहा है कि हाल में सीएमओ की ओर से वन विभाग के 39 आईएफएस के तबादले कर दिए गए जिस पर मैंने वन मंत्री से फोन पर बात की तो उनका कहना था कि सीएमओ की ओर से बिना चर्चा किए यह तबादले किए गए हैं जो कि काफी खेदजनक है.