जयपुर। सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का आज आखिरी दिन था। इस यात्रा के समाप्ति के बाद पायलट ने एक जनसभा की। जिसमें उन्होंने कहा कि अगर अब सरकार ने हमारी मांगें नहीं सुनी तो अब पूरे राजस्थान में आंदोलन होगा।
जब कांग्रेस के 21 विधायक बचे तब मुझे प्रदेश की जिम्मेदारी मिली
पायलट ने कहा कि सब जानते हो 2013 में हमारी सरकार हटी थी, तब कांग्रेस के 21 विधायक बचे थे-, तब मुझे सोनिया, राहुल गांधी ने राजस्थान की जिम्मेदारी दी थी, 2018 तक वसुंधरा सरकार का कड़ा विरोध किया था, वसुंधरा शासन में खुली लूट मची थी उसका विरोध किया था, तब सरकार हमारी बनी तो हमारा दायित्व था जो भ्रष्टाचार वसुंधारा सरकार में हुआ है उस पर कार्रवाई हो।
अनशन के बाद भी कुछ भी नहीं हुआ
लेकिन इस भ्रष्टाचार को लेक हमने जो वादे किए थे, सरकार बनाने से पहले, वो आज साढ़े चार बाद भी पूरे नहीं हुए। मुख्यमंत्री को जांच के लिए मैंने चिट्ठी लिखी थी। डेढ़ साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैंने एक दिन का अनशन किया उसके 1 महीने के बाद भी कुछ भी नहीं हुआ।
पायलट ने कहा कि पेपर लीक भ्रष्टाचार की वजह से होते हैं, नीति जो अपने ही विधायकों को बदनाम करें, भाजपा के विधायकों की तारीफ करें, मुझे हर बार बदनाम किया गया, जन संघर्ष यात्रा नौजवानों के कलेजे में आग लगाने के लिए, यह समर्थन मुझे नहीं मेरे मुद्दों को मिला, मुझे और मेरे परिवार को राजनीति में 40 साल पूरे हो गए। जनता की सेवा करने का मुझे भी मौके मिले, मेरे काम करने के तरीकों को सब जानते हैं। विरोधी भी अंगुली नहीं उठा सकता।
हमारी कथनी और करनी में फर्क
पायलट ने कहा कि मैं वादा करना चाहता हूं मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं, राजस्थान की जनता की सेवा आखिरी सांस तक करता रहूंगा, प्यार से मांगों तो काट कर दे देंगे, खून पसीना बहा देंगे, जो भी कुर्बानी देनी होगी वो देने के लिए तैयार हूं, कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। 25 सितंबर को पार्टी का अपमान किया गया, हमें फिर सरकार बनाकर दिखानी हैं, राजस्थान में अब याचना नहीं रण होगा, भ्रष्टाचार से पेपर लीक होते हैं, हमारी कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए।