कोटा : RTU यानी राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में पास कराने के एवज में छात्राओं से अस्मत मांगने वाले निलंबित असिस्टेंट प्रोफेसर गिरीश परमार और आरोपी छात्र-छात्रा के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट के सामने 1335 पेज का दूसरा चालान पेश किया। इसे न्यायालय ने एक्सेप्ट कर लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
अब तक 5535 पेज का चालान पेश
अभियोजन अधिकारी दीप्ति यश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि चालान को एसडीएम कोर्ट नंबर 2 में पेश किया गया। इस मामले में करीब 40 गवाहों के बयान अब चालान के मुताबिक कोर्ट में पेश किए जाएंगे। इससे पहले 20 फरवरी को 4200 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया गया था। अगर इन दोनों को मिलाया जाए तो अब तक 5535 पेज के चालान कोर्ट में पेश किए जा चुका है।
4 महीने से जेल में बंद हैं तीनों आरोपी
आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है। बता दें कि आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के साथ दो सहयोगी छात्र-छात्रा 4 महीने से जेल में बंद हैं। इन्हें जमानत तक नहीं मिली कोर्ट ने इनकी जमानत अर्जी को ठुकरा दिया था।
21 दिसंबर 2022 को सामने आया था शर्मनाक मामला
बता दें कि यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह उसे परीक्षा में पास करने के बदले उस पर संबंध बनाने के दबाव बना रहा है। यह मामला सामने आते ही आरटीयू समेत कई संस्थानों में यह खबर आग की तरह फैल गई। जांच जब तेज हुई तो आरोपी के काले कारनामे उजागर होने लगे।
परीक्षा में पास कराने के एवज में संबंध बनाने को कहता था आरोपी प्रोफेसर
इस मामले में एसोसिएट प्रोफेसर के अलावा छात्र अर्पित भी आरोपी है। छात्रा का आरोप था कि सहपाठी अर्पित के माध्यम से एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार ने उसे टेस्ट में अच्छे नंबर से पास करवाने की एवज में शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। छात्रा ने मना कर दिया तो आरोपी ने परीक्षा में पास करने की बात कह कर अन्य छात्राओं को टारगेट किया। दबाव बनाने के लिए वह अर्पित को माध्यम बनाता था। अर्पित बिचौलिये की तरह छात्राओं को पास कराने के झांसे में लेता था। फिर आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर परमार के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने को कहता था।
डिप्रेशन में सुसाइड करने चली थी छात्रा
आरोप था कि फाइनल परीक्षा में उसे साजिश के तहत फेल किया गया है। फिर अर्पित ने पास करवाने का झांसा दिया गया। उसके बदले में छात्रा पर शारीरिक सम्बन्ध बनाने और कुकृत्य करने का दबाव बनाया गया। छात्रा ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि वह प्रोफेसर के दबाव से इतनी आहत हो गई कि उसने खुदकुशी करने के बारे में सोच लिया थी। लेकिन परिवार के सपोर्ट के चलते उसने रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके बाद जांच शुरू हुई थी।