जयपुर। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मुख्य आरोपी माने जा रहे भूपेंद्र सारण ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए। सारण ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने एक सरकारी शिक्षक से 40 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। इसके बाद उसने पेपर सुरेश ढाका को और सुरेश ढाका ने सुरेश विश्नोई को पेपर दिया था। सुरेश विश्नोई ने अभ्यर्थियों से पांच-पांच लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था। इस खुलासे के बाद पेपर लीक का मास्टर माइंड कौन है इसकी तलाश अब भी जारी है।
उदयपुर पुलिस ने शुक्रवार को भूपेंद्र सारण को कोर्ट में पेश कर 10 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन पुलिस को चार दिन का रिमांड मिला है। कोर्ट में पेशी से पहले सारण की उदयपुर के हाथीपोल थाने से कोर्ट चौराहे तक दो किलोमीटर तक की परेड निकाली गई। इससे पहले शुक्रवार सुबह 8 बजे सारण को अहमदाबाद से उदयपुर लाया गया, जिसे हाथीपोल थाने में पूछताछ के लिए ले जाया गया।
पुलिस द्वारा कोर्ट के पेश किए गए रिमांड नोट में चौमूं निवासी आबूरोड में कार्यरत शिक्षक शेर सिंह मीणा से पेपर लेने का जिक्र किया गया है। पुलिस रिमांड के बाद पूछताछ में सारण सरकारी शिक्षक का नाम बार-बार बदलकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। जिसको लेकर पुलिस का कहना है कि सारण जिन लोगों के नाम बता रहा है, उनकी जांच कर हिरासत में लिया जाएगा। शिक्षक के बारे में शिक्षा विभाग से रिकॉर्ड निकालकर कार्रवाई की जाएगी।
फरारी के दौरान कई शहरों में घूमा
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड माना जा रहा भूपेंद्र सारण 24 दिसंबर 2022 को पेपर लीक के बाद भूमिगत हो गया। पूछताछ में बताया कि पेपर लीक के बाद जालोर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर व अजमेर के अलावा दिल्ली में भी काफी समय तक अपने रिश्तेदारों के यहां फरारी काटी। अहमदाबाद में करीब 28 दिनों तक वह अपने रिश्तेदारों के रुका। जहां से बेंगलुरु चला गया।
इस दौरान जोधपुर और जालोर में कुछ अपने रिश्तेदारों के सम्पर्क में था। पेपर लीक मामले से पूरी तरह घिरने के बाद सारण इसे बचने के लिए हवन करवाना चाहता था।जोधपुर पुलिस को सारण को लेकर विशेष इनपुट मिलने पर एसओजी और पुलिस की टीम बेंगलुरु रवाना हुई। जहां एयरपोर्ट पर ही 23 फरवरी को भूपेंद्र सारण को गिरफ्तार किया था।