जयपुर। प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health) को लेकर विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स अब अपने काम पर लौट आए हैं। आज SMS, JLN समेत कई जिलों के अस्पतालों में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स काम करते नजर आए लेकिन जानकारी है कि वे अब कल होने वाली महारैली की तैयारी कर रहे हैं और इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।
अभी कुछ जिलों में यह प्रदर्शन जारी है। भरतपुर में निजी अस्पतालों ने चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार किया है। उन्होंने इसके लिए मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
IMA ने Right To Health को लेकर राज्यपाल को लिखा है पत्र
इस बिल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA राज्यपाल कलराज मिश्र को एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस समय राजस्थान में चिकित्सा विभाग में गहमागहमी है। जिस स्वास्थ्य के अधिकार का सपना उन्होंने देखा था, इस बिल में कहीं वैसे प्रावधान नहीं है। इसलिए यह राज्य के निजी चिकित्सकों को स्वीकार नहीं है।
इस बिल से प्राइवेट हेल्थ केयर सेक्टर का सिस्टम खराब हो जाएगा। ऐसा लगता है कि इस बिल से सरकार निजी चिकित्सक और अस्पतालों के साथ काम नहीं करना चाहती। इसलिए इस बिल पर पुनर्विचार करवाया जाए और इसे वापस किया जाए।
काम पर लौटे लेकिन कर रहे महारैली की तैयारी
सरकार की सख्ती के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स अपने काम पर लौट तो आए हैं लेकिन वह कल यानी 4 अप्रैल को होने वाली महारैली की तैयारी में भी जुटे हुए हैं। बता दें कि कल निजी चिकित्सक राइट टू हेल्थ (Right To Health) बिल के खिलाफ जन जागरण रैली रैली निकालेंगे। इसके लिए उन्होंने अब सोशल मीडिया का सहारा लिया है। जिससे निजी अस्पतालों के डॉक्टर ग्रुप और पेज बना रहे हैं। इसके लिए राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ वीडियो, मीम्स बनाकर वायरल करवाया जा रहा है। निजी चिकित्सकों ने जनता से भी अपील की है कि वह इस बिल के खिलाफ विरोध करें और इस रैली में शामिल हों।
भरतपुर के 23 निजी अस्पताल अब नहीं करेंगे चिंरजीवी और RGHS के तहत इलाज
इधर भरतपुर में जिले के 23 निजी अस्पतालों में सरकार के चिरंजीवी और राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम योजनाओं का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को इस मामले में ज्ञापन सौंपा और कहा कि जब सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है, उनकी बात नहीं सुन रही है, तो हम उनके योजनाओं का प्रचार प्रसार क्यों करें?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भरतपुर के अध्यक्ष डॉ कमलेश शर्मा ने कहा कि जिन अस्पतालों ने ज्ञापन दिया है, वे अस्पताल अब सरकार की चिरंजीवी और आरजीएचएस (RGHS) योजनाओं का पालन नहीं करेंगे। इन के तहत किसी भी मरीज का इलाज अस्पताल में नहीं किया जाएगा।