अजमेर। अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के हत्थे चढ़े संभागीय आयुक्त के रीडर को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। रीडर ने विभागीय जांच परिवादी के पक्ष में करवाने की एवज में 95 हजार रुपए की घूस ली थी। पूर्व में भी वैरीफिकेशन के दौरान 5 हजार रुपए भी रीडर ले चुका था।
अभियोजन के एडीपी सत्यनारायण चितारा ने बताया कि एसीबी को टौंक जिले के अलीगढ़ निवासी हरिपाल वर्मा ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि वह भूअभिलेख निरीक्षक के पद पर कार्यरत हूं। उसके खिलाफ एसडीओ ने 17 सीसी के नोटिस के तहत सजा दी थी। जिसकी अपील अपील संभागीय आयुक्त के समक्ष की गई थी। उक्त जांच को उसके पक्ष में करवाने की एवज में भुनाबाय निवासी सहायक प्रशासनिक अधिकारी/रीडर याकूब बक्श डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है।
रिश्वत राशि नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई उसके खिलाफ ही करने की भी धमकी भी दे रहा है। शिकायत का सत्यापन करवाया। जिसमें रीडर याकूब ने 1 लाख रुपए में काम करना तय किया और 5 हजार रुपए की रिश्वत प्राप्त की साथ ही 95 हजार रुपए बाद में लेने की बात हुई। एसीबी की टीम ने रीडर से परिवादी की हुई बातचीत के आधार पर रंग लगे नोट देकर भेजा। जैसे ही परिवादी ने रिश्वत की रकम रीडर याकूब को दी, तुरंत एसीबी की टीम मौके पर पहुंची और उसे दबोच लिया। आरोपी याकूब बक्श को न्यायाल में पेश किया जहां से उसे 20 अप्रैल तक के लिए जेल भेजने के निर्देश दिए।
जांच के आधार पर होगी आगामी कार्रवाई
डीएसपी राकेश वर्मा ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। संभागीय आयुक्त बी एल मेहरा की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
16 लाख और चार प्लॉट के दस्तावेज मिले
आरोपी याकूब के घर की जब तलाशी ली गई तो वहां से 16 लाख 15 हजार रुपए की नकदी, 2 प्लॉट जयपुर और 2 प्लॉट अजमेर के दस्तावेज मिले हैं। अन्य सम्पत्तियों के संबंध में भी एसीबी जांच कर रही है। याकूब के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
(नवीन वैष्णव)