जयपुर। रामप्रसाद मीणा के आत्महत्या मामले में शासन ने कार्रवाई करते हुए नगर निगम हेरिटेज के दो अफसरों को एपीओ किया है। इसके लिए गृह विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें हवामहल-आमेर जोन उपायुक्त दिलीप दिलीप शर्मा और विजिलेंस उपायुक्त नील कमल मीणा शामिल है। विजिलेंस सीआई नीरज तिवाड़ी को पहले ही पद से निलंबित किया जा चुका है।
किरोड़ी लाल मीणा ने भी इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की उठाई थी मांग
रामप्रसाद मीणा के परिजनों से वार्ता पर समझौते के दौरान भी भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और कहा था कि अगले 15 दिनों के भीतर इन अधिकारियों के खिलाफ जांच हो कर रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके बाद अब शासन ने इन दो अधिकारियों को एपीओ कर दिया है।
इस मामले में नगर निगम के इन अधिकारियों पर मकान ना बनाने देने का आरोप है। आरोप यह भी था कि मकान के पास जो होटल बन रहा था उस पर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की सिर्फ रामप्रसाद के मकान के लिए इन्होंने 4 दिनों तक गार्ड को बिठाए रखा। आरोप है कि इन निगम के अफसरों ने ही रामप्रसाद को उसका मकान नहीं बनाने दिया था।
रामप्रसाद के परिवार से प्रशासन की सहमति
बता दें कि रामप्रसाद के परिवार के साथ जिन मांगों पर सहमति बनी है उनमें परिवार को एक डेयरी बूथ अलॉट हुआ है और जो मकान उनका अधूरा था, उस पर अब छत भी डाली जाएगी। इसके अलावा मृतक के बेटे को नगर निगम में संविदा पर नौकरी दी जाएगी।
मकान न बना पाने से आहत होकर रामप्रसाद मीणा ने दे दी जान
बता दें कि चांदी की टकसाल इलाके के रहने वाले रामप्रसाद मीणा ने अपना घर ना बना पाने से आहत होकर आत्महत्या कर ली। परिवार ने इस मामले में तीन लोगों पर एफ आई आर दर्ज की है और रामप्रसाद मीणा की आत्महत्या का कारण भी इन्हें ही बताया है। उनका कहना है कि इनके ही दबाव में आकर ही रामप्रसाद मीणा अपना घर नहीं बना पा रहा था, उसे घर को बनाने से रोक दिया गया था। इसलिए रामप्रसाद मीणा ने आत्महत्या कर ली।