प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कांग्रेस के अनुुशासनहीन नेताओं और कार्यकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सचिन पायलट का नाम लिए अनुशासन में रहने को कह दिया, साथ ही यह भी कहा कि भाजपा-RSS के कार्यकर्ता अनुशासन में हैं इसलिए वे जीत रहे हैं, हमारी पार्टी में अनुशासन की कमी आ गई है।
बड़बोलों पर कार्रवाई नहीं होती
रामलाल जाट ने कहा कि हमारे कुछ नेता कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बोल कर आलाकमान के पक्ष में बात बोल देते हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बोलकर राहुल गांधी की बोल देते हैं, मतलब यहां इनका यही काम है कि यहां सरकार भी नहीं आए और आलाकमान भी राजी हो जाए। इस तरह का दोगलापन जो यह करते हैं वह बहुत गलत तरीका है। अगर रहना है तो कांग्रेस में रहो काम करना है तो कांग्रेस में काम करें और पार्टी को साथ लेकर चलें। सबको पद मिलेगा। यह एक उम्र के अनुसार होती है। परमानेंट कोई आदमी राजनीति में नहीं रहता।
नए लोगों को उनके समय पर मौका मिलेगा
रामलाल ने कहा कि अनुशासन में रहें सभी को नए लोगों को मौका मिलेगा। समय समय के अनुसार यह जिम्मेदारी मिलती है। मुख्यमंत्री से सभी मांग करते हैं, कई जातियां, कई कार्यकर्ता मांग करते हैं। कई क्षेत्र के लोग मांग करते हैं, कई राज्य के लोग मांग करते हैं तो शुरु से मांग होती आई है और पूरी करनी चाहिए लेकिन जब फैसला आलाकमान कर देता है, तो इसे सभी को मानना पड़ता है। बजाय उसमें रोज उंगली करने से कोई फायदा नहीं होता। ऐसा नहीं करना चाहिए।
जिनको राजस्थान का भूगोल नहीं पता वो टिप्पणी कर रहे हैं
रामलाल ने कहा कि यह जो हमारे नेता आपस में ये करते हैं कि कोई दिल्ली से आता है, कोई नॉर्थ-ईस्ट से आता है, कोई साउथ से आता है, जिन्हें राजस्थान की भौगोलिक स्थिति का भी पता नहीं होता, वह स्टेटमेंट दे देते हैं। जो लोग विधायक चुनते हैं, उन विधायकों से पूछें। विधायक जो अनुशासन में रहेगा तो कांग्रेस के कार्यकर्ता विश्वास करेंगे।
भाजपा अनुशासन की वजह से जीत रही
मेरा व्यक्तिगत मानना है कि आर्मी अनुशासन में रहती है, आर्मी को पता होता है कि क्या होती है जीत। अनुशासन में पार्टी जीतती है। आज भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के अनुशासन में बैठी हुई है। RSS, उनके संगठन इसलिए वह चुनाव जीत रहे हैं। वह सिर्फ और सिर्फ अनुशासन से जीत रहे हैं। जिस तरह 1 लाख लोगों पर 120 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं तो अनुशासन होता है। ऐसे RSS पार्टी है, ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी ,है अनुशासन में है वो। चाहे जिसको टिकट काट रहे हैं, चाहे जिसको टिकट दे रहे हैं, इसलिए जीत रहे हैं।
हमारा अनुशासन बिगड़ा हुआ
एक जमाने में कांग्रेस पार्टी थी, हम भी वैसे करते थे कि चाहे जिसे टिकट काट रहे थे, दे रहे थे, जीत रहे थे। आज हमारा अनुशासन बिगड़ा हुआ है, क्योंकि जो बिगड़े बोल बोल रहे हैं उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मैं अगर खिलाफ बोलूं मेरे पर भी कार्रवाई हो, तो अनुशासन में रहेंगे, तो हम जीत पाएंगे। अनुशासन में नहीं रहेंगे तो नहीं जीत पाएंगे। इसलिए हमारी सब कार्यकर्ताओं से अपील है कि नेता अनुशासन में रहे ना रहे लेकिन कार्यकर्ता अनुशासन में रहे।
जो आलाकमान का फैसला सभी को मानना होगा
अशोक गहलोत के नेतृत्व में राहुल गांधी जी के हाथ मजबूत करें, जब सत्ता आएगी तो जो फैसला आलाकमान करेगा उसको मान्य होगा। आज जो सब लोग बोल रहे हैं किसी के पक्ष में फैसला हो, किसी क्षेत्र के पक्ष में फैसला हो, चाहे वह दिल्ली से आए या जयपुरआए। अगर अशोक गहलोत को दोबारा मांगते हैं तो मानेंगे, सचिन पायलट जी को कहे तो मानेंगे, रामलाल जाट को करेंगे तो मानेंगे, डोटासरा को करें तो मानेंगे, प्रताप सिंह खाचरियावास को करेंगे, हमारे और कोई खिलाड़ी लाल बैरवा है और कोई नेता उनकी नजर में है अनुशासन के रहकर ही काम करना होगा।
नेतृत्व पर करें विश्वास
रामलाल ने कहा कि जब नियुक्त की बात आई थी, तब आपस में झगड़ा था, तो हम सबकी जिम्मेदारी थी कि नेतृत्व में विश्वास करें, जो नेतृत्व फैसला करेगा वह माना जाएगा। मैंने यबह बात नियुक्ति में देरी होने के संबंध में कही। मैंने किसी व्यक्ति के संबंध में नहीं कहा। हमारा छोटा मोटा झगड़ा जो कार्यकर्ताओं में रोष था, मैं उदयपुर था तो वहां कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, जिला कांग्रेस कमेटी में, अन्य पदों पर नियुक्ति के संबंध में। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की वजह से की ये नियुक्ति हुई हैं अब जिम्मेदारी है कि जब आपने एक आदमी को नेतृत्व दिया है तो उसे सपोर्ट करना चाहिए।