जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। सतीश पूनियां ने राजस्थान के किसानों से कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही वादाखिलाफी का आरोप लगाया। सतीश पूनियां ने विधानसभा में बोलते हुए प्रदेश के किसानों की आवाज बुलंद की और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर्जामाफी पर जवाब दें। प्रदेश का किसान आपसे जानता चाहता है। आखिर क्यों किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं?
जून 2019 में श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर के ठाकरी गांव की घटना है। सोहनलाल कडेल एक किसान अपने सुसाइड का लाइव वीडियो जारी करता है। उस लाइव वीडियो में इस बात को मुख्य तौर पर कहता है कि राजस्थान की कांग्रेस पार्टी की सरकार की वादाखिलाफी से तंग आकर उस कर्जे के कारण आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी इस आत्महत्या का कोई जिम्मेदार है तो वह राजस्थान का मुख्यमंत्री है। उसने यह लाइव वीडियो में कहा था।
यह घटना 2019 की है, लेकिन यह घटना यही नहीं रुकी। जुलाई 2022 में बारां जिले के किसान मुरलीधर मीणा ने सुसाइड किया। जून 2022 में करौली के नादौती के किसान कमलराम मीणा ने साहूकार के कर्जे से तंग आकर आत्महत्या की। वहीं मार्च 2022 में पृथ्वीराज मीणा ने कर्जे से परेशान होकर सुसाइड कर लिया।
यह सुसाइड उसने इसलिए किया कि कांग्रेस के एक अंतरराष्ट्रीय नेता राहुल गांधी 2018 में कैंपेन के लिए राजस्थान में आते हैं और हनुमानगढ़ की सभा में प्रदेश के सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ करने का वादा करते हैं।
अभी जिक्र किया दस तक गिनती का, जिन लोगों ने तेजाब फिल्म देखी होगी उसमें गाना है एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस…। कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय नेता भूल गए कि गिनती दस तक थी, लेकिन आज 1700 दिन हो गए, वो जो 2018 का बयान था। उसमें राहुल गांधी ने दावा किया था कि सूरज चाहे नहीं उगे, चंद्रमा गायब हो जाए, हम कांग्रेस सरकार आते ही किसानों का कर्ज दस दिन में माफ करेंगे।
राजस्थान के 60 लाख किसान एक लाख 20 हजार करोड़ के कर्जे की माफी का आज भी इंतजार कर रहे हैं और यही सदन है, यही सरकार है। एक बार नहीं, दो-दो बार, मेरे प्रश्न के जवाब में और विद्याधर नगर के विधायक नरपत सिंह राजवी के सवाल के जवाब में 19422 किसानों की जमीनों की नीलामी राज्य सरकार ने स्वीकार की है।
इस तरीके की वादाखिलाफी केवल बयानों में नहीं, कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के कृषक कल्याण के पेज नंबर एक के बिन्दु 1-1 में घोषणा की है, लेकिन कांग्रेस सरकार पौने पांच सालों से किसानों के साथ धोखा और वादाखिलाफी कर रही है।