राजस्थान में पुलिस भर्ती का गजब खेल! SOG ने पकड़े 4 और ट्रेनी थानेदार…ऐसे लगाया था सिस्टम को चूना

Rajasthan SI Exam 2021: राजस्थान में पुलिस की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में लगातार नई धांधलियां उजागर हो रही है जहां SOG की टीम फर्जी थानेदारों…

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Rajasthan SI Exam 2021: राजस्थान में पुलिस की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में लगातार नई धांधलियां उजागर हो रही है जहां SOG की टीम फर्जी थानेदारों को दबोच रही है. ताजा एक्शन के मुताबिक एसओजी ने बीते रविवार को एसआई भर्ती परीक्षा- 2021 में 4 और ट्रेनी एसआई को राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) से गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक इन चारों ने डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास की थी. वहीं एसओजी को अब इन चारों ट्रेनी की जगह परीक्षा में बैठने वाले डमी अभ्यर्थियों की तलाश है.

एसओजी के ऑपरेशन की जानकारी देते हुए एडीजी वीके सिंह ने बताया कि अब पकड़े गए ट्रेनी भी एसओजी द्वारा ली गई परीक्षा में फेल हो गए और जिस पेपर को देकर ये एसआई बने उसी में ये 25 प्रतिशत अंक भी नहीं हासिल कर सके हैं. सिंह के मुताबिक इनमें हर एक ने परीक्षा में पास होने के लिए 15 से 20 लाख रुपए दिए थे. बता दें कि इससे पहले पेपरलीक व डमी अभ्यर्थी प्रकरण में 36 ट्रेनी एसआई और 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि, इनमें 11 ट्रेनी की कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है. आइए आपको बताते हैं कि इन चारों फर्जी थानेदारों ने सिस्टम को कैसे चकमा दिया.

हरिओम पाटीदार​ ने बैठाया था डमी

बता दें कि एसओजी की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपी हरिओम पाटीदार डूंगरपुर के गलियाकोट का निवासी है जिसने सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में 645 वीं रैंक हासिल की थी. वहीं आरपीएससी की ओर से आयोजित इस लिखित परीक्षा में हरिओम को हिंदी में 200 में से 169.69 और जीके में 200 में से 118.46 अंक मिले थे जहां उसका कुल 400 में से 288.15 अंक हुआ.

इसके अलावा हरिओम को इंटरव्यू में 28 नंबर मिले थे. हालांकि एसओजी ने जब हरिओम का दुबारा एग्जाम लिया तो हरिओम को हिंदी में 200 में से 55 और जीके में 200 में से 69 नंबर ही मिले जिसके बाद उसके खेल का भांडाफोड़ हो गया.

विक्रमजीत बिश्नोई और श्रवण गोदारा की खुली पोल

वहीं बीकानेर के बज्जू के रहने वाले विक्रमजीत सिंह बिश्नोई को सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में 1263वीं रैंक मिली जहां आरपीएससी की परीक्षा में उसे 400 में से 277.18 अंक मिले थे और इंटरव्यू में उसे 20 नंबर दिए गए लेकिन जब एसओजी ने परीक्षा ली तो उसे हिंदी में 200 में से 43 और जीके 200 में से केवल 43 अंक ही मिले.

इसके अलावा श्रवण 1708 वीं मेरिट लाकर सब-इंस्पेक्टर बना था जहां एसओजी ने जब उसका दुबारा एग्जाम लिया तो श्रवण को हिंदी में 200 में से 31 और सामान्य ज्ञान में 200 में से केवल 36 अंक ही मिले. वहीं जोधपुर के रहने वाले श्याम प्रताप सिंह की परीक्षा में 2207वीं मेरिट आई थी जहां उसे 400 में से 238.99 अंक मिले थे लेकिन जब एसओजी ने दुबारा परीक्षा ली तो उसके हिंदी में 200 में से 63 और सामान्य ज्ञान में 200 में से 70 अंक मिले.