जयपुर। प्रदेश की गहलोत सरकार जन समस्याओं के निस्तारण के लिए गंभीर है। प्रदेश सरकार ने पिछले चार साल में 53 लाख में से 51 लाख शिकायतों का निस्तारण कर लोगों को राहत दी है। इसी कड़ी में अब जल्द ही राजस्थान संपर्क पोर्टल लाया जाएगा। राजस्थान संपर्क 2.0 में समस्याओं के निस्तारण की बजाए परिवाद के समयबद्ध एवं संतोषप्रद निराकरण पर बल दिया जाएगा। शासन सचिवालय में मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति की द्वितीय बैठक में मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने यह बात कहीं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल जल्द ही अपने नए कलेवर में सामने होगा। राजस्थान संपर्क 2.0 में समस्याओं के निस्तारण की बजाए परिवाद के समयबद्ध एवं संतोषप्रद निराकरण पर बल दिया जाएगा। प्रदेशवासियों के लिए संचालित सभी सेवाओं, योजनाओं एवं सेवा प्रदायगी के सिंगल कॉन्टेक्ट पॉइंट के रूप में संपर्क पोर्टल एकीकृत पोर्टल होगा। जल्द ही संपर्क पोर्टल राज्य सरकार के सभी पोर्टलों का समेकित पोर्टल होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग के किसी भी पोर्टल पर कोई कार्य, सेवा या शिकायत जैसे ही दर्ज होगी, वह संपर्क पोर्टल पर ट्रैक होनी शुरू हो जाएगी। दर्ज शिकायतों को भी अलग-अलग श्रेणियों में बांट कर समयबद्ध निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए आमजन की शिकायतों का समय पर निस्तारण अहम हैं।
लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज
राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि गुड गवर्नेंस एवं आमजन को राहत पहुंचाने के लिए आयोजित जनसुनवाई शिविरों में परिवादी बिना किसी दबाव या डर के अपनी शिकायत दर्ज करे और संबंधित अधिकारी संवेदनशील होकर परिवादी से संवाद कायम करें व समस्याओं का त्वरित निस्तारण करे। उन्होंने कहा कि संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन के मूल मंत्र को दोहराया।
चार साल में आई 53 लाख से अधिक शिकायतें
जन अभियोग निराकरण प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता ने कहा कि टूटी सड़क, आवारा पशु, पीने का पानी जैसी आमजन की छोटी-छोटी समस्याओं का समय पर समाधान करें। निदेशक हरि मोहन मीणा ने बताया कि गत 4 वर्षों में राजस्थान संपर्क पर 53 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं जिसमें से 51 लाख से अधिक शिकायतें निस्तारित की जा चुकी हैं। लगभग 3.19 प्रतिशत प्रकरण लंबित हैं। उन्होंने विभागवार दर्ज समस्याओं के निस्तारण, परिवादी की संतोष दर का भी प्रजेंटेशन दिया।
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