Govind Singh Dotasara vs Subhash Garg: राजस्थान में लोकसभा चुनावों से पहले सूबे की सियासत में कई तरह की हलचल देखी जा रही है, वहीं प्रदेश में विधानसभा चुनावों में दबी कसक अब बयानबाजी में निकल रही है. ताजा मामला भरतपुर से सामने आया है जहां पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा आमने-सामने हो गए हैं. बीते शुक्रवार को कांग्रेस के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने भरतपुर के राष्ट्रीय लोकदल के विधायक सुभाष गर्ग पर तीखा हमला बोला तो थोड़ी ही देर बाद गर्ग ने पलटवार भी किया.
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का सम्मान करने वाला ही कांग्रेस में आगे चलकर कोई पद पाएगा और जिसे भी जाना है वह जा सकता है कांग्रेस किसी के दवाब में नहीं है. मालूम हो कि हाल मे आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में जाने का फैसला किया था जिसके बाद माना जा रहा था कि इसका सियासी असर राजस्थान में भी देखा जा सकता है क्योंकि सूबे में आरएलडी का एकमात्र विधायक है. वहीं यह भी चर्चाएं होने लगी थी कि गर्ग को भजनलाल सरकार में मंत्री भी बनाया जा सकता है.
डोटासरा का फटकारा, गर्ग का पलटवार
दरअसल शुक्रवार को कांग्रेस के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राष्ट्रीय लोकदल के विधायक डॉ. सुभाष गर्ग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का मान-सम्मान करने वाला ही पार्टी में पद पाएगा और जिसे जाना है वह जाओ कांग्रेस किसी के दवाब में नहीं है.
डोटासरा ने आगे कहा कि डॉ सुभाष गर्ग को कांग्रेसियों ने विधायक बनाया है और आज जो वह है कांग्रेस की बदौलत है. उन्होंने आगे कहा कि डॉ. गर्ग के लिए भी कांग्रेस के दरवाजे बंद हो सकते हैं यदि वह पांच साल कांग्रेंस के लिए काम करेंगे तो हम उन्हें गले लगाएंगे.
वहीं भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बयान आने के बाद ट्वीट कर पलटवार किया कि डोटासराजी पहले उन लोगों के खिलाफ तो एक्शन ले लीजिए जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया व चुनाव लड़ा. गर्ग ने सुखजिंदर सिंह रंधावा को ट्वीट कर कहा कि जरा इनको भी ज्ञान दो कि कम बोला करें.
NDA की ओर चली RLD
मालूम हो कि सुभाष गर्ग को अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है जहां कहा जाता है कि गर्ग को राजनीति में लाने के पीछे भी गहलोत का हाथ था. वहीं लगातार 2 चुनावों से गहलोत ने भरतपुर में आरएलडी के साथ गठबंधन कर सुभाष गर्ग को टिकट दिलवाया था और गर्ग लगातार 2 बार से जीत रहे हैं.
जानकारों का कहना है कि जयंत चौधरी के एनडीए में जाने के बाद अब सूबे में गर्ग की घेराबंदी हो रही है जहां वह कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. दरअसल हाल में आरएलडी एनडीए में शामिल हो गई जिसके बाद अब आरएलडी लोकसभा चुनाव एनडीए के साथ ही लड़ेगी.