Rajendra Gudha: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस एक्शन मोड में है जहां सूबे की सियासत में शुक्रवार को एक मंत्री की बर्खास्तगी हो गई. सीएम अशोक गहलोत ने अपनी ही सरकार की लंबे समय से आलोचना कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को शुक्रवार को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. गुढ़ा ने महिला अत्याचार पर विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरते हुए गिरेबां में झांकने की हिदायत दी थी जिसके बाद सीएम ने राज्यपाल को उन्हें हटाए जाने की अनुशंषा की. वहीं गुढ़ा के हटाए जाने के बाद दिनभर से बयानबाजी चल रही है जहां अब प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान सामने आया है.
रंधावा ने कहा कि कल विधानसभा में एक मंत्री ने कहा कि मणिपुर को छोड़िए, राजस्थान में क्या हो रहा है इसको देखिए वाला बयान शर्मनाक है, मैंने पहले भी कहा था अनुशानहीनता बर्दाश्त नहीं है. गुढ़ा को कहा था जो बात है सीएम गहलोत को आकर बताएं, राजेंद्र गुढ़ा ने जो किया वो शर्मनाक था, हम अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करने वाले है.
रंधावा ने कहा कि सरकार सीएम गहलोत को चलानी है, मेरा काम पार्टी में अनुशासन रखने का है. वहीं दिव्या मदेरणा पर रंधावा ने कहा कि दिव्या मदेरणा कभी पार्टी के खिलाफ नहीं बोली है और उनका परिवार हमेशा कांग्रेसी रहा है, कांग्रेस पार्टी की रीति नीति पर चलेंगे वो ही कांग्रेस पार्टी में रहेंगे.
नेता प्रतिपक्ष के रिएक्शन की जांच करेंगे – रंधावा
रंधावा ने कहा कि गुढ़ा ने पहले भी कई बयान दिए हैं जिन पर उनको हिदायत दी गई थी. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में है लेकिन उनके दिमाग से बीएसपी या पहले का नहीं निकला है. रंधावा ने कहा कि हमारी पार्टी अनुशासन से चलती है और इसी से सभी काम होते हैं.
वहीं शुक्रवार को विधानसभा में हुए घटनाक्रम पर रंधावा ने कहा कि गुढ़ा के बयान से पहले और बाद में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जो प्रतिक्रिया दी थी उसकी हम जांच करवाएंगे. उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि कहीं दोनों के बीच कोई साठगांठ तो नहीं थी. हालांकि गुढ़ा के कांग्रेस पार्टी में रहने को लेकर रंधावा ने कुछ स्पष्ट जवाब नहीं किया.
‘राजनीति में अनुसाशन बहुत जरूरी’
रंधावा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी अनुशासन वाली पार्टी है और राजनीति में धैर्य और अनुशासन बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों की जरूरत है जो कांग्रेस की विचारधारा को स्वीकारते है जिस पर ही हम सभी को चलना होगा. वहीं गुढ़ा की बर्खास्तगी को रंधावा ने सरकार और संगठन का संयुक्त फैसला बताया. वहीं आने वाले गुढ़ा के भविष्य को लेकर रंधावा ने कहा कि अगर वह माफी मांगेंगे तो देखा जाएगा.