‘चाहे पीएम आए या शाह’…बीजेपी की हर चाल होगी फ्लॉप! गहलोत ने बना रखा है ये मास्टरप्लान

सीएम अशोक गहलोत ने हाल में कहा कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की तमाम कोशिशें करेंगी लेकिन इस बार उनका हर पैंतरा फेल होने वाला है.

Ashok Gehlot | Sach Bedhadak

जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है जहां कांग्रेस लगातार सीएम गहलोत की योजनाओं पर रिपीट का दावा कर रही है. वहीं बीजेपी हर दूसरे दिन किसी ना किसी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने में जुट गई है. इस बीच हाल में दिए एक इंटरव्यू में गहलोत ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. गहलोत ने कहा कि बीजेपी आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की तमाम कोशिशें करेंगी लेकिन इस बार उनका हर पैंतरा फेल होने वाला है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कर्नाटक में बीजेपी की यही रणनीति विफल रही जहां कांग्रेस ने जोरदार जीत दर्ज की और अब ऐसा ही राजस्थान में देखने को मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने एक हालिया इंटरव्यू में अपनी सरकार के “वेलफेयर मॉडल” की योजनाओं को गिनाते हुए एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कानून को लेकर अपना पक्ष रखा जहां उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार जनता उनके पक्ष में जनादेश देगी. दरअसल कर्नाटक में भी कांग्रेस ने कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया था, जिन्हें बाद में पीएम मोदी ने ‘रेवड़ी’ (मुफ्त) करार दिया था.

‘चाहे पीएम मोदी आएं या अमित शाह…’

गहलोत ने दावा किया कि बीजेपी चुनावों के नजदीक आने पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बयानों से लोगों को जीतने की कोशिश करेगी और उनका ऐसा मानना है कि यदि आप धर्म के बारे में बात करते रहेंगे, तो लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे लेकिन ऐसा इस बार नहीं होने वाला है.

उन्होंने कहा चाहे पीएम मोदी हों या अमित शाह…वे धर्म के नाम पर नारे लगाते हैं… इस बार इनमें से कोई भी काम नहीं करेगा. गहलोत ने कहा कि जब बीजेपी नेताओं ने कर्नाटक में बजरंग बली का जिक्र किया तो यह काम नहीं आया और उस दौरान भी मैंने चुनाव आयोग से मांग की थी कि पीएम मोदी को प्रचार करने से रोक दिया जाए.

सरकारी योजनाएं और कामकाज करेगा सामना

गहलोत ने आगे कहा कि इस बार उनकी पार्टी द्वारा चलाई गई सरकार के शासन में किए गए काम और शुरू की गई योजनाओं के अलावा बुनियादी ढांचे से उन्हें बीजेपी के आक्रामक अभियान का सामना करने में मदद मिलेगी और उनकी सरकार निश्चित रूप से सत्ता में वापसी करेगी. मालूम हो कि गहलोत बीते दिनों से अपनी कई कल्याणकारी योजनाओं पर बार-बार जोर दे रहे हैं और उनका कहना है कि लगभग 10 योजनाएं ऐसी हैं जो उनकी सरकार ने हाल ही में शुरू की हैं और उनका मकसद चुनाव जीतना नहीं है.

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