Rajasthan: अब वन क्षेत्रों में कर सकेंगे ट्रेकिंग और कैम्पिंग, गहलोत सरकार खर्च करेगी 9.74 करोड़ रुपए

जयपुर। युवाओं को वन क्षेत्रों से जोड़ने के लिए वन क्षेत्रों में हाइकिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग एवं अन्य रोमांचकारी गतिविधियां शुरू की जाएंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री…

cm ashok | Sach Bedhadak

जयपुर। युवाओं को वन क्षेत्रों से जोड़ने के लिए वन क्षेत्रों में हाइकिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग एवं अन्य रोमांचकारी गतिविधियां शुरू की जाएंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9.74 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। वहीं कोटा के राजीव गांधी नगर में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र एवं डिजिटल प्लेनेटोरियम की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पाली के गोडवाड़ देसुरी में लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व विकसित करने तथा सिरोही के संरक्षित वन क्षेत्र वाडाखेड़ा में विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

गहलोत ने दी 9.74 करोड़ रुपए की स्वीकृति

इस राशि से प्रदेश के 12 जिलों के विभिन्न वन क्षेत्रों में गतिविधियां शुरू की जाएंगी। इनमें अजमेर के तारागढ़, अलवर के चूहड़सिद्ध, बारां के रामगढ़ क्रेटर, भरतपुर के ब्रज चौरासी क्षेत्र, भीलवाड़ा के हमीरगढ़ व मंगरोप, चित्तौड़गढ़ के हथिनी औदी व मेनाल वाटरफाल, दौसा के मेढ़ा व गोलमेल, जयपुर के बुचारा व कचरावाला, सिरोही के मातरमाता, सीकर के बोलेश्वर, प्रतापगढ़ के धूणीमाता व कमलेश्वर महादेव तथा उदयपुर के नाल सांडोल क्षेत्र शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।

कोटा में राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र एवं डिजिटल प्लेनेटोरियम बनेगा

कोटा के राजीव गांधी नगर में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र एवं डिजिटल प्लेनेटोरियम की स्थापना की जाएगी। इससे विद्यार्थी और आमजन दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका व खगोलीय घटनाओं के रहस्य आकर्षक मॉडल्स एवं एक्सपेरिमेंट्स के जरिए समझेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र की स्थापना के लिए 7.40 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केंद्र में विज्ञान के कठिन सिद्धांतों को सरलता से समझाने के लिए फन साइंस एवं थीमेटिक गैलरीज का निर्माण होगा। आउटडोर एवं इंडोर मॉडल्स की स्थापना होगी तथा भारत के वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी।

यहां 80 से 85 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक डिजिटल प्लेनेटोरियम बनेगा। इसमें विभिन्न खगोलीय ग्रहों की जानकारी उपलब्ध होगी। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रोचकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। एक ऑडिटोरियम भी बनेगा, जिसमें 3डी शो होंगे। केंद्र की स्थापना का कार्य संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के तकनीकी सहयोग द्वारा किया जा रहा है। स्थापना को लेकर राज्य सरकार द्वारा मार्च, 2023 में 12.67 करोड़ रुपए परिषद को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए घोषणा की थी।

गोडवाड़ देसुरी-पाली में लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व होगा विकसित

राज्य सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पाली के गोडवाड़ देसुरी में लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व विकसित करने तथा सिरोही के संरक्षित वन क्षेत्र वाडाखेड़ा में विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। गहलोत ने इन कार्यों के लिए लगभग 5.15 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है। गोडवाड़ देसुरी में 2 करोड़ रुपए की लागत से लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व विकसित किए जाने के कार्य होंगे। साथ ही, संरक्षित वन क्षेत्र वाडाखेडा में 3.15 करोड़ रुपए की लागत से विकास एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में इन कार्यों के लिए घोषणा की गई थी

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