झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं में करीब 4 साल पहले मदनलाल की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने आज सजा सुनाई है। झुंझुनूं कोर्ट ने हत्या के मामले में 6 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिला जज देवेंद्र दीक्षित ने हत्या के मामले में फैसला देते हुए मणकसास के शंकर सिंह पुत्र शिशपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह पुत्र सवाई सिंह, महेंद्र सिंह पुत्र शार्दुल सिंह, मनमोहन सिंह पुत्र महेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह पुत्र उम्मेद सिंह और भवानी सिंह पुत्र महावीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ-साथ प्रत्येक आरोपी पर 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर प्रत्येक आरोपी को 3-3 माह का कठोर कारावास और भुगतना होगा। न्यायाधीश से इन सभी आरोपियों को अन्य विभिन्न धाराओं में भी सजा देते हुए सभी सजाए साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया है।
पालिकाकर्मी की हत्या की थी…
रिपोर्ट के अनुसार, झुंझुनूं के ढाणी मोरिडा तन मणकसास के रामेश्वरलाल पुत्र भादरमल ने 1 मई 2019 को उदयपुरवाटी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रामेश्वरलाल ने शिकायत में बताया कि 30 अप्रैल 2019 को उसका बेटा मदन जो कि नगरपालिका उदयपुर सिटी में कर्मचारी है, वह छुट्टी पर आया हुआ था। वह रात करीब 8 बजे मणकसास बस स्टैंड पर उतरा। वहां उसके इंतजार में पूर्णमल, रोहिताश आदि खड़े थे। इन सभी पर शंकर पुत्र शिशपाल, भवानीसिंह पुत्र महावीर, मनमोहन पुत्र महेन्द्र सिंह व 10-12 अन्य जनों ने सरियों, लाठी, चाकू से आंखों में मिर्च डालकर जानलेवा हमला कर दिया था। हमले में तीनों को गंभीर चोटें आई थी। जहां से उन्हें नीमकाथाना अस्पताल लेकर गए। यहां से तीनों को जयपुर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान मदनलाल की मौत हो गई।
20 गवाहों के करवाए बयान…
पुलिस ने सभी छह आरोपियों के विरूद्ध संबंधित न्यायालय में हत्या का आरोप पत्र पेश किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने इस मामले में 20 गवाहों के बयान कराकर न्यायालय में तर्क दिया कि हत्या का आरोप पूर्णतः सिद्ध है तथा आरोपियों से बरामद लाठी व सरियों पर मानव रक्त पाया गया। घटनास्थल पर मिर्च पाउडर की भी पुष्टि भी हुई है।