Rajasthan mid-day-meal scam : जयपुर। राजस्थान में हुए मिड-डे-मील घोटाला मामले में गहलोत सरकार के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में आयकर विभाग (Income Tax Department) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो गई है। बच्चों के निवालों में घोटाला करने वालों पर मंगलवार को ईडी ने शिकंजा कसा है। ईडी ने मंत्री राजेंद्र यादव के व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों पर एक साथ कार्रवाई की। इस कार्रवाई से मंत्री यादव सहित मिड-डे-मील घोटाले से जुड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
दिल्ली से आई ईडी की टीम ने सुबह करीब 10 बजे गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के 10 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ रेड डाली। जानकारी के मुताबिक मिड-डे-मील घोटाला मामले में जयपुर सहित बहरोड़ और विराटनगर में ईडी की कार्रवाई जारी है। वहीं, मंत्री राजेंद्र यादव के आवास पर भी ईडी की टीम दस्तावेज खंगाल रही है। माना जा रहा है जल्द ही कई घोटाले और भी सामने आ सकते है।
सालभर पहले इनकम टैक्स ने डाली थी रेड
बता दें कि आयकर विभाग ने सालभर पहले भी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव सहित उनके रिश्तेदारों से जुड़े करीब 53 स्थानों पर छापेमारी की थी। स्कूली बच्चों के पोषाहार में भारी अनियमितताएं सामने आने के बाद कार्रवाई हुई थी। हालांकि, उस दौरान आयकर विभाग की टीम को घोटाले से संबंधित कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले थे। ऐसे में अब इस मामले में ईडी ने मंत्री यादव के ठिकानों पर रेड डाली है। मंत्री यादव के साथ-साथ दलालों के 10 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है।
ये है पूरा मामला?
गहलोत सरकार में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव की कोटपूतली में पोषाहार बनाने की फैक्ट्री है। जिसका नाम ‘राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकिंग फैक्ट्री’ है। मंत्री राजेन्द्र यादव के परिवार की ‘राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकिंग फैक्ट्री’ है। इस कंपनी में विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पैकिंग व सप्लाई का कार्य होता है। इस कंपनी में राजेंद्र यादव के रिश्तेदार और कुछ नजदीकी लोग पार्टनर हैं। मंत्री राजेंद्र यादव इस कंपनी के डायरेक्टर हैं।
बताया जा रहा कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल की पैकिंग और सप्लाई का काम भी इसी कंपनी के पास है। मिड-डे-मील यानी पैसे को लेकर धांधली का आरोप लगा है। आरोप है कि निर्धारित दर से ऊंचे दाम पर बच्चों का भोजन खरीदा गया था। ऐसे में अब ईडी यह पता लगाने में जुटी हुई है कि ये भुगतान कब और कैसे किया गया था। माना जा रहा है इस घोटाले के तार महाराष्ट्र तक से जुड़े हुए है। महाराष्ट्र में बैठै बड़े माफिया राजस्थान के पोषाहार घोटाले में लिप्त पाए गए थे।
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