Rajasthan Election : जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। इसी बीच हर किसी को बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, दोनों ही पार्टियों के नेताओं के मानें तो बार-बार यही कहा जा रहा है कि पहली लिस्ट जल्द ही जारी हो जाएगी। ऐसे में यह तो साफ है कि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी है। लेकिन, अब पहली लिस्ट आना बाकी है। अभी पितृ पक्ष चल रहे है। 29 सितंबर से शुरू हुए पितृ पक्ष का समापन 14 अक्टूबर होना है। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो दोनों ही पार्टियां पितृ पक्ष को मानती है और पितृ पक्ष के समापन के बाद ही अपनी पहली लिस्ट जारी करेगी।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणनीति और प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा लगातार मंथन में जुटी हुई है। बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर दी है। पितृ पक्ष से पहले बीजेपी एक छोटी लिस्ट जारी करने वाली थी। लेकिन, लगातार चल रहे मंथन के चलते देरी हुई। ऐसे में माना जा रहा है कि 14 अक्टूबर के बाद बीजेपी कभी भी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। खास बात ये है कि बीजेपी मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी केंद्रीय मंत्रियों और सांसद को मैदान में उतार सकती है। बताया जा रहा है कि पूर्वी राजस्थान में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए यहां सांसदों को चुनावी मैदान में उतरने पर विचार किया जा रहा है।
बीजेपी ने 50 सीटों पर प्रत्याशी किए तय
चार दिन पहले दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में करीब 50 सीटों पर प्रत्याशी तय किए जा चुके है। हालांकि, अभी लिस्ट आना बाकी है। बताया जा रहा है कि जिन नेताओं के नाम पर मुहर लगी है, उन्हें केन्द्रीय नेताओं की तरफ से सीधा सूचित किया गया है। इन नेताओं को दिल्ली बुलाकर जानकारी दे दी गई है। साथ ही कुछ प्रत्याशियों के पास फोन भी आया है। जिन प्रत्याशियों की चर्चा है, उनमें सांसद किरोड़ीलाल मीणा काे सवाई माधोपुर से, सुखवीर सिंह जौनपुरिया को कोटपूतली, सुभाष महरिया काे लक्ष्मणगढ़, सवाईसिंह को खींवसर से फाइनल करने की जानकारी सामने आ रही है। वहीं, श्रीमाधोपुर से झाबरसिंह खर्रा, रानीवाड़ा से नारायण सिंह देवल, चित्तौड़गढ़ से चन्द्रभान सिंह आक्या को टिकट दिए जाने की चर्चा है।
25 में से 12 सांसदों पर दांव लगाएगी बीजेपी
हाल ही में जयपुर आए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह भी संकेत दे चुके है कि केंद्रीय मंत्रियों सहित प्रदेश पदाधिकारियों को चुनावी समर में उतारे जाने से कोई परेहज नहीं है। लेकिन, पहली प्राथमिकता जिताऊ को टिकट देने की रहेगी। राजनीतिक पंड़ितों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व 25 में से 12 सांसदों पर राजस्थान में दांव खेल सकती है। सियासी गलियारों में बीजेपी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी सहित गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, जयपुर ग्रामीण सांसद राजवर्धन सिंह राठौड़, राजसमंद सांसद दिया कुमारी, सांसद किरोड़ी लाल मीणा को चुनावी रण में उतारने की चर्चा है।
पितृ पक्ष के बाद ही आएगी कांग्रेस की लिस्ट!
राजस्थान में मिशन रिपीट अभियान को लेकर जुटी कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी की तरह कांग्रेस भी पितृ पक्ष के बाद उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने का मन बना रही है। प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सत्ता रिपीट में जुटी कांग्रेस हर विधानसभा सीट को महत्वपूर्ण मानते हुए काम कर रही हैं। प्रदेश कांग्रेस पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री व स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगई दावेदारों के हर पहलू पर बारीकी से मंथन में जुटे हुए है। लोकसभा वार लगाए गए पर्यवेक्षकों ने हर विधानसभा में जाकर टिकटों के दावेदारों और पार्टी की स्थिति की रिपोर्ट तैयार की थी। जिसे आलाकमान के पास भेज दिया गया है। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं सहित प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दावेदारी को लेकर हर पहलू पर चर्चा कर उनकी जमीनी हकीकत को टटोला है।
इन विधासभा क्षेत्रों के विधायकों पर संकट मंडराया!
कांग्रेस की ओर से कराए गए सर्वें में मौजूदा 25 से 30 विधायकों की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। जिनमें झुंझुनूं-सीकर, अलवर, जयपुर देहात व नागौर जिले के 2-2 और धौलपुर, करोली, दौसा, जयपुर शहर, भरतपुर, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, कोटा देहात, बीकानेर व बांसवाड़ा जिले के एक-एक विधायक शामिल हैं। ऐसे में इन जिलों के कुछ विधायकों की टिकट खतरे में हैं। हालांकि, अंतिम फैसला तो पार्टी आलाकमान को ही करना है।
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