Rajasthan Election 2023 : जयपुर। विधानसभा चुनावों में शहर की दो सीट झोटवाड़ा और विद्याधर नगर में भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित होते ही दोनों विधानसभा के पार्षदों में खलबली मच गई है। संभावना के विपरीत उम्मीदार घोषित होने से दोनों विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध भी शुरू होने लग गया है। हालांकि, विद्याधर नगर में दीया कुमारी के लिए ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन झोटवाड़ा में राजपाल समर्थक पार्षद भाजपा के प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह के सामने खुल कर आ रहे हैं।
मंगलवार को भाजपा मुख्यालय के सामने हुए विरोध प्रदर्शन में भी करीब पांच पार्षद शामिल हुए थे। ऐसे में दोनों ही इलाकों के पार्षदों के सामने बडी समस्या खड़ी हो गई हैं। बुधवार को बातचीत में सामने आया कि कुछ पार्षद पार्टी और संगठन के साथ है, लेकिन जिनको टिकट ही विधायकों की मेहरबानी से मिला, उन्हें अपनी जमीन खिसकने का डर लग गया है। ऐसे में वे प्रत्याशियों के सामने खुलकर नहीं आ रहे, लेकिन अंदरखाते लॉबी बनाने में लग गए हैं।
कुछ गुटबाजी में तो कुछ मुखर
झोटवाड़ा क्षेत्र में विधानसभा का प्रत्याशी घोषित होते ही विरोध के स्वर उठने लगे। कु छ पार्षद तो अपने विधायक के समर्थन में खुलेआम विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए। वहीं , पार्षद चुनाव के समय जिनका टिकट काटा गया और वे निर्दलीय लड़कर आए, वे संगठन के साथ होने की बात कर रहे हैं।
झोटवाड़ा में 14 पार्षदों में करीब आधे पार्षद प्रत्याशी के विरोध में खड़े हो गए हैं। मंगलवार को भाजपा मुख्यालय पर हुए विरोध में करीब चार पार्षद इंद्र प्रकाश धाबाई, राधेश्याम बोहरा, सुरेश रैगर और मदन लाल शर्मा भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
विद्याधर नगर-पार्षद के सामने धर्मसंकट, जिसने पार्षद बनाया उसे कैसे छोड़ें
विद्याधर नगर क्षेत्र के एक पार्षद ने बताया कि बड़ा धर्मसंकट आ गया है। पार्टी ने उम्मीदार तो बहुत मजबूत दिया है, लेकिन जिसने हमें पार्षद बनाया उसे भी कै से छोड़ सकते हैं। वहां से भी फोन आया है। पार्टी का सिद्धांत भी जरूरी है। अभी कुछ समझ नहीं आ रहा, कई साथी पार्षदों से चर्चा के बाद ही कुछ की पाएंगे। विद्याधर नगर में भाजपा के 27 पार्षद हैं, जिनमें करीब 4-5 पार्षद विधायक के साथ खडे नजर आ रहे हैं।
महापौर की गाड़ी में लगाया जीपीएस
राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही निर्वाचन आयोग ने निगम महापौर, उप महापौर और जिला प्रमुख के पूल की सभी सरकारी गाड़ियों को अपने कं ट्रोल में ले लिया है। जयपुर में जिला निर्वाचन अधिकारियों ने इन सभी गाड़ियों पर निगरानी रखने के लिए इनमें जीपीएस लगा दिए हैं, ताकि जनप्रतिनिधि इन गाड़ियों का उपयोग चुनाव प्रचार में न कर सके। जीपीएस लगने के बाद इन गाड़ियों को उन्हीं जनप्रतिनिधियों को लौटा दिया गया, जिनको ये अलॉट हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने इसको लेकर आदेश जारी किए हैं। जनप्रतिनिधि इन गाड़ियों का उपयोग के वल घर से अपने सरकारी दफ्तर और दफ्तर से वापस घर आने-जाने के लिए ही कर सकेंगे। इन गाड़ियों को अगर कोई जनप्रतिनिधि चुनाव प्रचार या अन्य जगह इधर-उधर घुमाता है तो उस गाड़ी को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
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