Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान में अगले महीने होने वाले विधानसभा सभा चुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार में जुट चुकी है। इसी चुनावी माहौल के बीच हम आपको एक रोचक जानकारी देने जा रहे है। जी हां. राजस्थान का ऐसा जिला भी है, जहां से कोई विधायक में 35 साल बाद मंत्री बना। हम बात कर रहे है चित्तौड़गढ़ जिले की।
अब तक के चुनावी नतीजों की बता करें तो चित्तौड़गढ़ जिले की पांच विधानसभा सीटों पर कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का वर्चस्व रहा है। जिले की चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, बेगूं, बड़ीसादड़ी और कपासन विधासनभा सीट वैसे तो कई दिग्गजों की रणभूमि रही है। इस जिले से पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत सहित पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री जसवंत सिंह, डॉ. गिरिजा व्यास, महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ ने चुनाव लड़ा और राजनीति के शिखर तक पहुंचे। लेकिन, 35 साल में पहली बार साल 2018 में उस वक्त ऐसा मौका आया जब कांग्रेस सरकार में जिले का कोई विधायक मंत्री बना।
उदय लाल आंजना ही बने पूर्ण मंत्री
चित्तौड़गढ़ के 35 साल के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो सिर्फ उदय लाल आंजना ही एक ऐसे हैं, जो मंत्री बने है। इससे पहले साल 1985 में बेगूं विधायक पंकज पंचोली सरकारी मुख्य सचेतक रहे और साल 2008 में इसी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्रसिंह विधूड़ी संसदीय सचिव बने। लेकिन, पूर्ण मंत्री के रूप में तो उदय लाल आंजना का ही नाम आता है। आंजना वर्तमान में गहलोत सरकार में सहकारिता मंत्री है।
कैसा रहा उदल लाल आंजना का राजनैतिक करियर?
चित्तौड़गढ़ के छोटी सादड़ी क्षेत्र में 5 मई 1951 को जन्मे उदय लाल आंजना निम्बाहेड़ा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक चुने गए। आंजना ने पहली बार साल 1993 में विधानसभा चुनाव जीता और बीजेपी प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी को हराया। लेकिन, साल 2003 में बीजेपी प्रत्याशी अशोक नवलखा ने उदय लाल आंजना को हरा दिया। लेकिन, साल 2008 में बीजेपी अशोक नवलखा को हराकर आंजना दूसरी बार विधायक बने। साल 2013 में आंजना को फिर से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन, 2018 में भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी को 11908 मतों से हराकर कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना तीसरी बार विधायक बने और गहलोत सरकार में मंत्री भी बन गए।
आंजना ने जसवंत सिंह को भी दी थी मात
निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले कांग्रेस के उदय लाल आंजना पहले राजस्थान के चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय संसद के सदस्य थे। ये उपलब्धि उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री जसवंत सिंह को हराने के बाद हासिल की थी। वो साल 1998 के लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह को हराकर कर करीब डेढ़ साल तक सांसद रहे। बीजेपी के श्रीचंद कृपलानी भी साल 1999 और 2004 में चित्तौड़गढ़ लोकसभा से चुनाव जीतकर सांसद बने थे।
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