Rajasthan Election-2023 : जयपुर। चुनाव शुरू होते ही सड़कों पर वाहनों का लम्बा काफिला हर जगह देखने को मिल ही जाता है। प्रत्याशी माहौल अपने पक्ष में दिखाने के लिए हर सम्भव प्रयास में लग गए है। वैसे कार और दुपहिया वाहनों का काफिला तो हर चुनावों में दिख जाता है लेकिन इस बार यूपी की तर्ज पर बुलडोजर ने भी प्रदेश के चुनावों में एंट्री ले ली है।
चुनाव जीतने के लिए अपना दमखम दिखा रहे प्रत्याशी जेसीबी को अपनी शान समझ रहे हैं। चाहे नामांकन रैली हो, या जनसम्पर्क, सभी जगहों पर जनप्रतिनिधि जेसीबी को अपने वाहनों में शामिल कर रहे हैं। पिछले दो-तीन दिन में ही बुलडोजर की डिमांड इतनी बढ गई है कि अब नेताओं को शहर में बुलडोजर वेटिंग पर मिल रहा है। वहीं एक दम से डिमांड बढ़ने से जेसीबी कॉटेक्टर्स ने भी बाहरी क्षेत्रों से जेसीबी मशीन मंगानी शुरू कर दी है।
एक घंटे से लेकर दिन भर तक का अलग रेट
चुनावों में जेसीबी की बढ़ती डिमांड पर इसके किराए में भी इजाफा कर दिया है। आमतौर पर जहां डबल स्यर टे िंग की बेकीहाउ लोडर्स जेसीबी सात सौ रुपए प्रति घंटे में मिल जाती थी, वह अब एक हजार रुपए से 1500 रुपए तक प्रतिघंटे में किराए से मिल रही है। दिन भर का छह हजार रूपए से नौ हजार रुपए तक का किराया लिया जा रहा है।
इसके अलावा टेलहेंडलर्स जेसीबी का किराया दो हजार रुपए प्रति घंटे से हिसाब से लिया जा रहा है। शहर के जेसीबी कांटेक्टर्स ने बताया कि चुनावों में जेसीबी का चलन बढ़ने से जिले से बाहर से भी बुल्डोजर मंगाया जा रहा है। कांटेक्टर्स शहर के अलावा झुंझूनु, सीकर, हरियाणा और यूपी से बुल्डोजर मंगवा रहे है।
यूपी से मिली पहचान, अब राजस्थान में दिखा रही दम
राजस्थान में राजनीति से जुड़े लोगों ने बताया कि पहले चुनावों में प्रदेश में जेसीबी का कोई राजनेता उपयोग नहीं करता था, लेकिन बदलते समय के साथ सबसे पहले बुल्डोजर को पहचान उत्तर प्रदेश से मिली, जिस तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले तो अपराधियों के घरों को ढहाने में बुलडोजर का इस्तेमाल किया।
फिर चुनावों में भी बुलडोजर से प्रचार कर सत्ता हासिल की, इसके बाद से बाकि राज्यों में भी बुल्डोजर को चुनावी स्टंट के रूप में देखा जाने लग गया। अब अन्य नेताओं को भी यह महसूस हो गया कि बुलडोजर सिर्फ घर ढहाने के काम ही नहीं आता है, बल्कि इससे सरकार भी बनाई जा सकती है।वैसे यह बुलडोजर मॉडल उत्तर प्रदेश या राजस्थान ही नहीं पूरे देश में लोकप्रिय हो चुका है।
फूल बरसाने से मंच बनाने तक का काम कर रही जेसीबी
अपनी नामांकन रैली में जेसीबी लेकर पहुंचे एक उम्मीदवार ने बताया कि आमतौर पर चुनाव रैली में कार और बाइक रैली का आयोजन होता है, लेकिन इस बार जेसीबी का भी क्रेज चल गया है। मेरे एक समर्थक ने बुल्डोजर को बुक करा दिया। वैसे बुल्डोजर से फूल बरसाने का चलन हो गया है।
इसके अलावा रैली दौरान सभा करने के लिए भी बुल्डोजर काम आ जाता है। वहीं जेसीबी की बढ़ती डिमाण्ड के बीच कई प्रत्याशियों ने आगे प्रचार के लिए एडवांस में ही बुकिंग करानी शुरू कर दी है। जिसमें प्रत्याशियों को एक से दो दिन का समय दिया जा रहा है। वहीं शाम को छह बजे से आठ बजे तक के समय को पीक टाइम मान कर अतिरिक्त चार्ज भी लिया जा रहा है।
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