Rajasthan Budget 2024 : जयपुर। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने आज विधानसभा में भजनलाल सरकार का पहला अंतरिम बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री दीया कुमारी ने युवाओं, बुजुर्ग और महिलाओं के साथ-साथ मीसा बंदियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। एक बुजुर्ग और महिलाओं की पेंशन में 150 रुपए का इजाफा किया गया है तो दूसरी ओर मीसा बंदियों की पेंशन को फिर से शुरू करने का ऐलान किया गया है। अब मीसाबंदियों को 20 हजार रुपए पेंशन और 4000 रुपए मेडिकल सुविधा दी जाएगी।
विधानसभा में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री दीया कुमारी ने मीसा और डीआरआई बंदियों की लोकतंत्र सेनानी पेंशन फिर से बहाल करने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि मीसाबंदियों को 20 हजार रुपए पेंशन और 4000 रुपए मेडिकल सुविधा दी जाएगी। साथ ही लोकतंत्र सेनानी पेंशन अधिनियम बनेगा, इसके लिए विधानसभा में बिल लाया जाएगा। बता दे कि ऐसा होने के बाद भविष्य में कभी भी मीसा बंदियों की पेंशन को बंद नहीं किया जा सकेगा।
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राजे ने पहली बार मीसा बंदियों को दी थी सौगात
राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने पहली बार साल 2014 में मीसा और डीआईआर बंदियों को पेंशन देना शुरू किया था। शुरुआत में मीसा और डीआरआई बंदियों को 12 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी गई थी। जिसे बाद में बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रति माह कर दिया था। लेकिन, प्रदेश की पिछली सरकार ने साल 2019 में मीसा और डीआईआर बंदियों की पेंशन पर रोक लगा दी थी। हालांकि, बीजेपी ने फिर से सत्ता में आते ही मीसा बंदियों की पेंशन को बहाल कर दिया है। अब बजट में मीसा बंदियों की पेंशन को लेकर बड़ी घोषणा की गई है। मीसा बंदियों को फिर से 20 हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलने लगेगी। खास बात ये है कि अब विधानसभा में बिल भी लाया जाएगा, ताकि मीसा बंदियों की पेंशन को कभी भी बंद ना किया जा सके।
राजस्थान के इन जिलों में हैं मीसा और डीआईआर बंदी
राजस्थान के सिरोही, जालोर, पाली, अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़, चुरु, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, गंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनूं, जोधपुर, कोटा, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक और उदयपुर जिले में मीसा और डीआईआर बंदी है।
मीसा बंदी और डीआईआर बंदी कौन ?
साल 1975-77 के दौरान राजनैतिक या सामाजिक कारणों से राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा अधिनियम 1971(1971 का 26)(निरस्त) के तहत जिन्हें बंदी बनाया गया था, उन्हें मीसा बंदी के रूप में जाना जाता है। वहीं साल 1975-77 के दौरान भारत रक्षा नियम, 1971(डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स,1971) (निरस्त) के तहत जिन्हें बंदी बनाया गया था, उन्हें डीआईआर बंदी के रूप में जाना जाता है। इनको अब लोकतंत्र सेनानी नाम से जाना जाता है।