जयपुर। अगर आपने पानी के लिए अवैध नल कनेक्शन ले रखा है तो इसका 28 फरवरी तक रेगुलराइजेशन करवा लीजिए। ऐसा नहीं करने पर एक मार्च से ऐसे कनेक्शन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
गौरतलब है कि जलदाय विभाग की राइजिंग व वितरण पाइपलाइनों में लाखों अवैध जल नल कनेक्शन के कारण वैध व बिल देनेवाले उपभोक्ताओं के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इन अवैध कनेक्शनों के कारण विभाग को भी डिमांड व सप्लाई की सही जानकारी नहीं लग पा रही है। इससे हर साल गर्मियों में विभाग के इंजीनियरों को जन आंदोलन का शिकार होना पड़ता है। इसको देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
अवैध पानी कनेक्शन से यह नुकसान
अवैध पानी के कनेक्शन से गर्मियों की प्लानिंग नहीं हो पाती। जलदाय विभाग को क्षेत्र की वास्तविक पेयजल डिमांड की जानकारी नहीं लग पाती है। इससे गर्मियों की प्लानिंग नहीं होने से पेयजल संकट रहता है।अवैध कनेक्शन में लीकेज के कारण दूषित पानी की सप्लाई होती है। इससे क्षेत्र में कई बार बड़ी संख्या में उल्टी-दस्त व पीलिया का रोग फै लता है। विभाग को राजस्व की हानि होती है और सप्लाई हो रहे पानी की बिलिंग नहीं हो पाती है। बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को पेयजल संकट झेलना पड़ता है।
विरोध हुआ तो पुलिस को लेंगे साथ
विभाग की टीमें मार्च में अवैध जल कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई करेगी। विभागीय के 31 मार्च 2017 के आदेश के अनुसार पेनल्टी लगाते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ ऐसे व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। अवैध कनेक्शन हटाने के दौरान विरोध होने पर पुलिस सहायता ली जाएगी।
पांच गुना पेनल्टी का प्रावधान
अवैध कनेक्शन धारक के खिलाफ पीडीसी एक्ट 1984 सेक्शन 3, सब सेक्शन 2 व आईपीसी की धारा 379 न 430 के तहत
एफआईआर भी दर्ज होगी। अवैध कनेक्शन पाए जाने पर 1210 रुपए का एकमुश्त शुल्क पेनल्टी और 30 किलोलीटर प्रतिमाह
जल उपभोग के हिसाब से कम से कम एक साल के कुल पानी उपभोग शुल्क की पांच गुना पेनल्टी वसूली का प्रावधान है।
कई डिविजन में कार्रवाई शुरू
कई डिविजन ने अवैध कनेक्शन को चिह्नित कर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। पिछले सप्ताह में उदयपुर के भुवाणा स्थित हाइराइज बिल्डिंग में अवैध कनेक्शन मामले में विभाग ने आर्ची पैराडाइज रेजीडेंशियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। अब प्रदेश भर में ग्रुप हाउसिंग व हाइराइज बिल्डिंग में पेयजल सप्लाई की जांच की जा रही है। अवैध कनेक्शन पाए जाने पर जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
पांच गुना पेनल्टी का प्रावधान
अवैध कनेक्शन धारक के खिलाफ पीडीसी एक्ट 1984 सेक्शन 3, सब सेक्शन 2 व आईपीसी की धारा 379 न 430 के तहत एफआईआर भी दर्ज होगी। अवैध कनेक्शन पाए जाने पर 1210 रुपए का एकमुश्त शुल्क पेनल्टी और 30 किलोलीटर प्रतिमाह जल उपभोग के हिसाब से कम से कम एक साल के कुल पानी उपभोग शुल्क की पांच गुना पेनल्टी वसूली का प्रावधान है।