Rajasthan Budget 2024-25: केंद्र सरकार के अंतरिम बजट के बाद अब राजस्थान सरकार की बारी है जहां राज्य सरकार 8 फरवरी को विधानसभा में बजट के स्थान पर लेखानुदान पेश करेगी. जानकारी के मुताबिक इसमें केंद्र के अंतरिम बजट की झलक दिखाई देगी. राजस्थान में भजनलाल सरकार का पहला वित्तीय लेखानुदान उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी पेश करेंगी जहां बुधवार को दिया कुमारी ने वर्ष 2024-25 के राज्य लेखानुदान (बजट) को अन्तिम रूप दिया.
बताया जा रहा है कि सरकार लेखानुदान में बड़ी योजनाओं से बचेगी लेकिन वर्तमान में चल रही कई योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया जा सकता है. इसके अलावा प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देते हुए राज्य सरकार वैट को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है जिसके बाद माना जा रहा है कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम होने से कीमतें कम हो सकती हैं.
बता दें कि 20 सालों बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के बजाय डिप्टी सीएम दिया कुमारी बजट का खाका पेश करने जा रही है ऐसे में हर किसी की नजरें राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी के संबोधन पर भी टिकी हुई हैं. वहीं राज्य सरकार के इस अंतरिम बजट में नई भर्तियां, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, हर घर नल का जल, आयुष्मान योजना का विस्तार, किसानों को ब्याज मुक्त लोन, लखपति दीदी स्कीम जैसे कई ऐलान किए जा सकते हैं.
महिला सशक्तीकरण की दिखेगी झलक!
मालूम हो कि राज्य में अब तक सीएम के पास ही वित्त विभाग रहा है वहीं बतौर महिला मंत्री बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब तक वसुंधरा राजे के नाम ही था लेकिन पहली बार होगा जब सीएम नहीं बल्कि महिला वित्त मंत्री दीया कुमारी बजट (लेखानुदान) पेश करेंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र की लाडली बेटी जैसी योजना की तर्ज पर राज्य की महिलाओं के लिए कोई ऐसी ही योजना का ऐलान किया जा सकता है.
इसके अलावा वित्त मंत्री अपने भाषण में भजनलाल सरकार के पांच साल का विजन भी पेश करेंगी. वहीं बजट को लेकर दिया कुमारी ने हाल में कहा था कि मोदी सरकार ने पहले भी सभी वर्गों का ध्यान रखा है और हम अंतरिम बजट में हर वर्ग की आकांक्षाओं का पूरा ध्यान रखेंगे.
लेखानुदान बजट क्या है?
बता दें कि राजस्थान सरकार कल लेखानुदान बजट पेश करने जा रही है जिसमें राजस्व का ब्यौरा देने के बजाय सिर्फ खर्च के लिए मंजूरी मांगी जाती है हालांकि लेखानुदान को संपूर्ण बजट ही तरह ही तैयार करवाया जाता है लेकिन इसमें सरकार घोषणाओं वाले हिस्से को शामिल नहीं करती है.
किसी भी राज्य में जब नई सरकार बनती है तो पहले लेखानुदान को पारित करवाया जाता है. दरअसल राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर महीने के आखिर में होता है ऐसे में लेखानुदान से पहले सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है. वहीं करीब 3 से 4 महीने तक लेखानुदान चलने के बाद लोकसभा चुनावों के खत्म होने पर राज्य सरकार जून या जुलाई में फुल बजट पेश कर सकती है.