Rajasthan Assembly Election 2023 : जयपुर। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल अपनी-अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं। विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा अपना कुनबा बढ़ा रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को 18 लोगों ने भाजपा का दामन थामा है। इनमें कई राजनीतिक दलों के नेता, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेटे्स, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न सामाजों से जुड़े लोग है।
कई नेताओं की हुई घर वापसी…
भाजपा ज्वाइन करने वालों में कई नेताओं की घर वापसी हुई है। वहीं नेता ऐसे भी है जो कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर आए हैं। इनमें पूर्व आईएएस डॉ. महेश भारद्वाज, पूर्व आईएएस हनुमान सिंह भाटी, पूर्व आईएएस केसी वर्मा, पूर्व आरएएस माताराम रिणवा, पूर्व आरपीएस खेमराज खोलिया, पूर्व आईएएस भंवरलाल नवल, पूर्व इनकम टैक्स ऑफिसर नरेंद्र गौड़, पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर ओमप्रकाश मीणा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी राजाराम मीणा, देव सोमनाथ, डूंगरपुर के धनेश्वर आहारी, जोधपुर-जयपुर के व्यापारी भूदेव देवड़ा, बारां जिले के कांग्रेस नेता कमल राठौड़, गंगापुर के बहादुर सिंह गुर्जर, नागौर के ओमप्रकाश बागरा, भाजपा से पूर्व विधायक रहे कृष्ण कड़वा की वापसी, कुंवर राव गगन सिंह बांसवाड़ा, दयानंद शकरवाल पूर्व अधिकारी इंश्योरेंस कंपनी बहरोड़, कोटपूतली से डॉ. रतिराम यादव ने भाजपा का दामन थामा।
पहले भी कई दिग्गज हो चुके हैं भाजपा में शामिल…
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले अभी तक कई दिग्गज बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इनमें कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के बेटे ओमप्रकाश पहाड़िया, पूर्व सांसद सुभाष मेहरिया ने 19 मई को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पारिवारिक सदस्य एवं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य विजेंद्र सिंह शेखावत ने 12 जून को पार्टी मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं।
सभी लोगों ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और ज्वाइनिंग कमेटी के सदस्य वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा।
गहलोत सरकार में कुशासन, जनता त्रस्त
इस दौरान प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि इन सबकी निष्ठा मोदी सरकार में है। जिस तरह से गहलोत सरकार में कुशासन रहा है, उससे जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलित अत्याचार, महिला हिंसा, पेपर लीक और किसान कर्ज माफी आम जनता से जुड़े मुद्दे हैं, जिसमें प्रदेश की सरकार नाकाम रही है।
अरुण सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में रिटायर्ड अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने भाजपा पर भरोसा जताते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। इन सबकी ज्वाइनिंग से पार्टी और मजबूत होगी और आने वाले 2023 के चुनाव में कमल का फूल खिलाएगी।
17 नेताओं ने ज्वाइन की थी भाजपा…
बता दें कि इससे पहले 23 जुलाई को 17 नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की थी। इसमें कांग्रेस-माकपा नेताओं के अलावा आईएएस-आईपीएस भी शामिल रहे। वसुंधरा सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सीपीएम के पूर्व विधायक पवन दुग्गल भी ‘भगवाधारी’ हो गए हैं। उन्होंने अपनी पत्नी रानी दुग्गल के साथ बीजेपी ज्वाइन की थी। इनके साथ कांग्रेस नेता शिवचरण कुशवाह भी बीजेपी में शामिल हुए। कुशवाह 2018 के विधानसभा चुनावों में धौलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे थे। इसके अलावा 12 अगस्त को कई सेवानिवृत प्रशासनिक, न्यायिक अधिकारियों सहित कर्मचारी नेता और गुर्जर समाज के दिग्गज नेताओं ने भी भाजपा का दामन थामा था।