जयपुर। खेतों में तैयार फसलों में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बीते चार दिन में प्रदेश में 10 एमएम से अधिक बारिश होने से प्रदेश के 19 जिलों में 60 फीसदी तक फसलें खराब हुई हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 6 लाख 24 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें खराब हुई है। इधर बारिश के पानी के सूखने से पहले ही मौसम विभाग ने फिर से 23 मार्च से बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है।
वहीं, मौसम विभाग ने अब प्रदेश के किसानों को 26 मार्च तक फसलों की कटाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं। मौसम नहीं खुलने तक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बनी हुई है। प्रदेश में चार दिन की बारिश के बाद मंगलवार को मौसम शुष्क रहा। पिछले दिनों हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज हुई। मंगलवार को न्यूनतम तापमान सबसे कम शेखावाटी के फतेहपुर सीकर में 11.7 डिग्री रहा। सबसे अधिक बाड़मेर में 33 डिग्री दर्ज हुआ। राजधानी में न्यूनतम 15.5 एवं अधिकतम 29 डिग्री रहा।
9 जगह न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से कम
प्रदेशभर में मंगलवार को सभी जगहों का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। शेखावाटी के फतेहपुर में 11.7 डिग्री दर्ज हुआ एवं इसके अलावा सिरोही में 12.1, चूरू में 12.4, हनुमानगढ़ के संगरिया में 13.6, चित्तौड़गढ़ 13.8, सीकर 14, श्रीगंगानगर 14.3, अलवर और भीलवाड़ा में 14.8 के अलावा झुंझुनूं के पिलानी में 14.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम कें द्र जयपुर के अनुसार गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर जिलों को छोड़ सभी जगह मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वहीं, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में 23 मार्च को मेघगर्जन, अचानक तेज हवाएं, बारिश व कहीं कहीं ओलावृष्टि होने की प्रबल संभावना है।
इन जिलों में हुईं फसलें खराब
कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश के जोधपुर, नागौर, बूंदी, जयपुर, बीकानेर, अजमेर, चितौड़गढ़, दौसा, जालौर, हनुमानगढ़, भरतपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, उदयपुर, कोटा, डूंगरपुर, धौलपुर, चूरू, भीलवाड़ा जिले में गेंहूं, जौ, चना, सरसों, जीरा, इसबगोल और सब्जियां खराब हुई हैं।
सबसे अधिक गेहूं में खराबा
कृषि विभाग ने 16 मार्च से 20 मार्च तक हुई बारिश से फसल खराबे का अनुमान जारी किया है। उसके अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक गेहूं 60 फीसदी तक खराब हुए हैं। प्रदेश में गेहूं की बुआई 29.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है, जिसमें से 2.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हो चुकी है। वहीं, जौ 60, सरसों 50, चना 45, इसबगोल 80, जीरा 60 और सब्जियां 30 फीसदी तक खराब हुई है। प्रदेश में इस बार कुल 109.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुआई की गई है।
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