कोटा। राजस्थान में चुनाव को सिर्फ 5-6 महीने ही बाकी हैं। इसलिए अब प्रदेश का हर समाज जो चुनाव में अपनी अहमियत रखता है, अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाना शुरू कर दिया है। जाट, ब्राह्मण, क्षत्रिय, एससी-एसटी के बाद अब माली समाज अपनी शक्ति दिखाएगा। इसे लेकर कल कोटा में माली समाज पहली बार शोभायात्रा निकालने जा रहा है। जिसे राजनीतिक विश्लेषक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखे हैं। इस शोभायात्रा में हजारों की संख्या में माली समाज के लोग इकट्ठा होंगे।
ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पहली बार माली समाज की शोभायात्रा
दरअसल कल महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती है। इसे लेकर पूरे राजस्थान में जगह-जगह कार्यक्रम मनाए जाएंगे। तो वहीं कोटा में इस बारयह कार्यक्रम बेहद अलग तरीके से मनाया जाएगा। यहां पहली बार इस उत्सव को लेकर माली समाज शोभायात्रा निकालेगा। इस कार्यक्रम को लेकर समाजसेवी और इस कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी डॉ दुर्गा शंकर सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कार्यक्रम की जानकारी दी।
शोभायात्रा में दिखेंगे कई रंग
उन्होंने कहा कि इस बार महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर जिले के सभी संगठन रामपुरा बाजार से नागा जी के बाग नयापुरा तक भव्य शोभायात्रा निकालेंगे। जिसमें हजारों की संख्या में से ज्यादा माली समाज के लोग शामिल होंगे। इस शोभायात्रा में कई रंग देखने को मिलेंगे। इसमें महिला शक्ति, झांकियां, अखाड़े के करतब का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें समाज के हर वर्ग का योगदान है। कोटा के साथ ही आसपास के जिलो से माली समाज के लोग यहां आएंगे।
ज्योतिबा फुले और सावित्री फुले की प्रतिमा लगाने की मांग
समाज ने इस शोभायात्रा के जरिए महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री फुले की प्रतिमा लगाने की मांग भी की है। उन्होंने बताया कि इस शोभायात्रा की जो सबसे ज्यादा खास बात है वह यह कि पहली बार कोटा में महिला बैंड लोगों का आकर्षण होगा। इस शोभायात्रा ने इस महिला बैंड की धुन सुनाई देगी। इस बैंड को समाज की महिला शक्ति ने ही बनाया गया है। इसमें माली समाज का ठिकरदा बैंड भी शामिल होगा जो सालों से मशक और कई वाद्य यंत्रों के साथ अपनी धुन से लोगों को मंत्रमुग्ध करता आया है।
इस बैंड ने कई अवसरों पर बड़ी-बड़ी जगह में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं। इस कार्यक्रम में कई लोग कलाकार भी शामिल होंगे। शोभायात्रा में भजन मंडली भी होगी, कलश यात्रा भी होगी, ड्रोन के जरिए फूलों की बारिश भी की जाएगी।
चुनाव में महत्वपूर्ण है माली समाज
बता दें कि सिर्फ कोटा में 50,000 से ज्यादा वोटर माली समाज के हैं तो पूरे प्रदेश में करीब 10% की आबादी माली समाज की है। बीते 2018 के चुनाव में प्रदेश माली सैनी महासभा ने कम से कम 15 सीटें समाज के लिए देने की मांग की थी। जाहिर है इस यात्रा या शक्ति प्रदर्शन के जरिए भी राजनीति में माली समाज के लोगों की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों पर सिर्फ एक विधायक माली समाज का है और वह प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद अशोक गहलोत हैं। वे खुद कई मौकों पर कह चुके हैं कि मैं मेरे समाज का एक अकेला विधायक पूरे राजस्थान में हूं।