Priyanka Gandhi Rajasthan tour : जयपुर। प्रदेश के विधानसभा चुनावों में मिशन रिपीट में जुटी कांग्रेस पार्टी हर सीट को महत्वपूर्ण मानते हुए चुनावी मैदान में जा रही है। आचार संहिता लगने के बाद कांग्रेस की दूसरी बड़ी सभा आज दौसा के सिकराय में होगी। दोपहर 12 बजे सभा में एआईसीसी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जनसभा को संबोधित करेंगी।
दरअसल, ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बारां जिले से 16 अक्टूबर को चुनावी जन जागरण अभियान का आगाज किया था। पांच दिवसीय अभियान का समापन शुक्रवार को दौसा के सिकराय में होगा। जहां प्रियंका गांधी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आगे की लड़ाई के लिए जोश भरने का काम करेंगी।
दो माह के भीतर प्रियंका गांधी का प्रदेश में दूसरा दौरा
पिछले दो माह में प्रियंका गांधी आज दूसरी बार राजस्थान आएंगी। इससे पहले प्रियंका गांधी ने 10 सितंबर को टोंक के निवाई में इंदिरा गांधी ग्रामीण रसोई योजना का शुभारम्भ कर जनसभा को संबोधित किया था। निवाई की सभा में प्रदेश स्तर के नेताओं की एकजुटता की तस्वीर सामने आई थी।
वहीं शुक्रवार को होने वाली जनसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित प्रदेश स्तर के पदाधिकारी और प्रदेश भर के जिला अध्यक्ष भी शामिल होंगे। आपको बता दें कि 16 अक्टूबर की सभा में सचिन पायलट की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही।
कांग्रेस 13 जिलों में करेगी 6 सभाएं
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय बनाई गई योजना को पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय परियोजना बनने की घोषणा करने के चुनावी भाषण को कांग्रेस अब चुनावी मुद्दा बना रही है। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस ने पांच दिवसीय यात्रा निकाली निकाली है। जिमसेदो बड़ी सभाएं की रखी गई हैं। वहीं चुनावों तक कांग्रेस की ओर से 13 जिलों में कुल 6 सभाएं की जाएंगी।
83 सीटें सत्ता वापसी के लिए महत्वपूर्ण
ईआरसीपी के तहत आने वाले 13 जिलों में विधानसभा की 83 सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस की नजर है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां बड़ी बढ़त मिली थी। 49 सीटों पर कांग्रेस, 8 सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर राष्ट्रीय लोकदल का कब्जा है, जबकि भाजपा के पास के वल 25 सीटे हैं।
पिछले चुनाव में करौली, भरतपुर, दौसा और सवाई माधोपुर में भाजपा का खाता नहीं खुल पाया था। वहीं झालावाड़ में कांग्रेस हारी थी। ऐसे में 2023 के विधानसभा चुनावों में सरकार रिपीट के लिए कांग्रेस के लिए पक्ष की सीटों पर फोकस जरूरी है।